जाने! RBI के नीतिगत दरों में कटौती के बाद क्या पड़ेगा असर?
।। अमलेश नंदन सिन्हा ।। भारतीय रिजर्व बैंक ने आज अपनी मुख्य दर (रेपो दर) 0.25 प्रतिशत घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दी है. आम बजट के बाद रिजर्व बैंक की ओर से दो माह से भी कम समय में दूसरी बार आश्चर्यजनक रूप से यह कटौती की गयी है. रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन […]
।। अमलेश नंदन सिन्हा ।।
भारतीय रिजर्व बैंक ने आज अपनी मुख्य दर (रेपो दर) 0.25 प्रतिशत घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दी है. आम बजट के बाद रिजर्व बैंक की ओर से दो माह से भी कम समय में दूसरी बार आश्चर्यजनक रूप से यह कटौती की गयी है. रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने एक बयान में कहा, ‘पूंजी तरलता समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत मुख्य नीतिगत दर में 25 आधार अंक अथवा 0.25 प्रतिशत की कटौती करके 7.5 प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है.
नयी दरें तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी हैं.’ रिजर्व बैंक की ओर से मुख्य नीतिगत दर में कटौती से व्यक्तिगत ऋण एवं कारपोरेट ऋण दरों में कटौती होगी. जिससे आवास, वाहन एवं कारपोरेट ऋण सस्ता हो जाएगा. हालांकि रिवर्स रेपो दरों को चार प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया है. गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने इसी साल 15 जनवरी को रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी. उसके बाद इसी वित्तीय वर्ष में यह देसरी बार रेट किया गया है.
आम आदमी को क्या होगा फायदा?
आम लोगों को रेट कट से काफी उम्मीदें हैं. सरकार की ओर से बजट में मध्यम वर्ग को कोई खास तोहफा नहीं मिला है. ऐसे में रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में कटौती के बाद अगर विभिन्न बैंक अपने ऋण के ब्याज दरों में कटौती करते हैं तो आम आदमी को काफी राहत मिल सकती है. विशेषज्ञों की राय में रेट कट के बाद आवास, वाहन और कारपोरेट ऋणों के ईएमआई सस्ते हो सकते हैं. यह भी मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ा तोहफा हो सकता है.
हालांकि कई विशेषज्ञों को मानना है कि रेटो रेट में जबतक एक ही बार डेढ से दो प्रतिशत की कटौती नहीं की जायेगी, तबतक कोई ठोस बदलाव देखने को नहीं मिलेगा. हालांकि एक ही साल में यह दूसरी बाद रेट कट किया गया है जो 0.50 प्रतिशत हुआ है. इसके बाद आरबीआई का रेपो रेट 7.5 प्रतिशत हो गया है. छोटे ऋणों पर इसका कोई खासा असर नहीं दिखेगा, लेकिन आवास और कारपोरेट जैसे बड़े ऋणों पर असर जरुर पड़ेगा.
ज्यादा बचत होने से महंगाई बढ़ने के आसार
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि रेपो रेट में कटौती होने के बाद आम लोगों को ऋण में जो छूट मिलेगी उससे बचत की उम्मीद बढ़ जाती है. बचत के बाद व्यक्ति की क्रय शक्ति बढ जाती है और इससे महंगाई बढ़ने के आसार बनते हैं. विशेषज्ञों की मानें तो तब व्यक्ति के पास पैसे ज्यादा होंगे तो उनकी क्रय शक्ति बढने से सामानों का उपभेग बढेगा, ऐसे में उत्पादन से अधिक मांग होने की संभावना भी बन जाती है. इस स्थिति में किसी भी उत्पाद के मूल्य वृद्धि की संभावनाएं भी प्रबल हो जाती हैं. हालांकि अभीतक पिछले आंकड़ों में ऐसे कोई भी बातें नहीं देखी गयी है कि रेपो रेट में कटौती होने के बाद अचानक से महंगाई बढ़ी हो.
बैंकों ने रेट कट का किया स्वागत
देश के सबसे बडे ऋणदाता स्टेट बैंक आफ इंडिया ने आज रिजर्व बैंक द्वारा मुख्य दरों में आश्चर्यजनक तौर पर कटौती का स्वागत किया और वायदा किया कि अपनी ब्याज दर के संबंध में उचित पहल करेगा. एसबीआई की अध्यक्ष अरुंधती भट्टाचार्य ने एक बयान में कहा ‘हम आरबीआई द्वारा रेपो दर में कटौती का स्वागत करते हैं. हमारा बैंक हर परिस्थिति पर विचार कर आधार दर में कटौती के संबंध में उचित पहल करेगा.’
उन्होंने कहा कि सरकार की अच्छी गुणवत्ता वाले राजकोषीय पुनर्गठन की प्रतिबद्धता और आरबीआई तथा सरकार के बीच मुद्रास्फीति को आधार बनाने से यह सुनिश्चित होगा कि मुद्रास्फीति कम रहे. उन्होंने कहा कि इससे बैंकों को निर्णय लेने में मदद मिलेगी. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आफ महाराष्ट्र के कार्यकारी निदेशक आर के गुप्ता ने कहा कि मुख्य दरों में कटौती से स्पष्ट है कि केंद्रीय बैंक अच्छी गुणवत्ता वाले राजकोषीय पुनर्गठन के प्रति आश्वस्त है और वृद्धि के प्रति सकारात्मक है.
सरकार को रेपो रेट में कटौती के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी की उम्मीद
आरबीआई की ओर से मुख्य दरों में कटौती के बाद वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने इसे अर्थव्यवस्था के लिए प्रोत्साहन के रूप में उजागर किया है. सिन्हा ने कहा कि इस फैसले से ऋण की मासिक किस्त उल्लेखनीय रूप से कम होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्य दरों में और कटौती की गुंजाइश है. आरबीआई द्वारा मुख्य दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की घोषणा के तुरंत बाद सिन्हा ने कहा कि ब्याज दरों में कटौती से पिछले सप्ताह पेश आम बजट के प्रति विश्वास जाहिर होता है.
सिन्हा ने कहा कि ब्याज दरों में कटौती से अल्पकाल में अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा और कर्ज की मासिक किस्तें (ईएमआई) उल्लेखनीय रूप से कम होगी. उन्होंने कहा ‘आने वाले दिनों में दर चक्र में क्या होगा यह आगामी आंकडों पर आधारित होगा और आरबीआई ने इसके बारे में स्पष्ट संकेत दिया है.’ उन्होंने कहा कि मुख्य दरों में कटौती की और गुंजाइश बरकरार है. उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति अनुमान घट गए हैं और अपस्फीति (डिफ्लेशन) का वैश्विक रुझान बरकरार है.
उद्योग जगत ने रेट कट को बताया सकारात्मक
रेट कट को सकारात्मक संकेत मानते हुए उद्योग जगत ने आरबीआई के इस फैसले का स्वागत किया है. भारतीय उद्योग ने कहा कि इस पहल से निवेशकों को सकारात्मक संकेत जाता है और इससे पूंजी की लागत कम कर वृद्धि को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी.
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा ‘वृद्धि केंद्रित बजट के बाद आरबीआई द्वारा मुख्य दरों में अप्रत्याशित कटौती से आरबीआई ने बेहद सकारात्मक संकेत दिया है कि केंद्रीय बैंक और सरकार वृद्धि में जोरदार तेजी के लिए मिलकर काम कर रही. ऐसा बिना मुद्रास्फीति को ताक पर रखे किया गया है जो अब स्पष्ट रूप से आरबीआई का लक्ष्य बन गया है.’
ऐसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने कहा ‘बजट में शुरू की गयी सुधार प्रक्रिया के मद्देनजर आरबीआई द्वारा आज की गयी मुख्य दर में कटौती अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए बडा प्रोत्साहन है जो केंद्रीय बैंक के लिए फोकस क्षेत्र नजर आ रहा है.’ उन्होंने कहा ‘इससे निश्चित तौर पर उपभोक्ताओं का मनोबल बढेगा और उद्योग के लिए ब्याज की लागत भी कम होगी.’
रेट कट से शेयर बाजार में लौटी रौनक
भारतीय शेयर बाजार में रेट कट के बाद जबरदस्त तेजी लौटी है. आरबीआई की ओर से रेट कट की घोषणा के तुरंत बाद बंबई स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 400 अंकों की बढत के साथ 30,000 के पार चला गया था, हालांकि यह स्थिति ज्यादा देर तक बरकरार नहीं रही. बहरहाल अभी सेंसेक्स 100 से ज्यादा अंकों की तेजी पर कारोबार कर रहा है. अचानक सेंसेक्स में आयी उछाल के बाद शेयरों में बिकवाली का जोर भी दिख रहा है.
दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 114 अंकों की बढ़त के साथ 9,200 के उच्च स्कोर पर पहुंच गया था. स्टॉक मार्केट के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि सेंसेक्स 30 हजार के पार पहुंच गया है. हालांकि, सुबह सेंसेक्स 258.22 अंकों की तेजी के साथ 29,851.95 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 71.20 अंकों की तेजी के साथ 9,067.45 पर कारोबार कर रहा था.
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