वैश्विक स्तर पर बढते कच्चे तेल के दाम मुद्रास्फीति के लिए जोखिम : रिजर्व बैंक
मुंबई : रिजर्व बैंक ने आज कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों को लेकर अनिश्चितता मुद्रास्फीति परिदृश्य के लिए प्रतिकूल है. हालांकि, सरकार मुद्रास्फीति के लक्ष्य को 2016-17 तक चार प्रतिशत पर लाने को प्रतिबद्ध है. हालांकि, रिजर्व बैंक इस तथ्य से संतोष पा सकता है कि पिछले साल केंद्रीय बैंक ने […]
मुंबई : रिजर्व बैंक ने आज कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों को लेकर अनिश्चितता मुद्रास्फीति परिदृश्य के लिए प्रतिकूल है. हालांकि, सरकार मुद्रास्फीति के लक्ष्य को 2016-17 तक चार प्रतिशत पर लाने को प्रतिबद्ध है. हालांकि, रिजर्व बैंक इस तथ्य से संतोष पा सकता है कि पिछले साल केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति में जो अनुमान लगाया गया था मुद्रास्फीति उससे कहीं अधिक तेजी से घटी है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज बयान में कहा, ‘रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत बैंड के मध्य बिंदु (दो प्रतिशत कम अथवा अधिक) यानी 2016-17 के वित्त वर्ष की शुरुआत तक चार प्रतिशत पर लाना चाहता है.’ रिजर्व बैंक और सरकार ने पिछले महीने एक करार किया है जिसके तहत जनवरी, 2016 तक मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं इसे अगले साल मार्च तक चार प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य तय किया गया है.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में बढकर 5.11 प्रतिशत हो गई, जो दिसंबर में 4.28 प्रतिशत पर थी. यह जनवरी, 2015 के आठ प्रतिशत के लक्ष्य से काफी कम है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का जिक्र करते हुए रिजर्व बैंक ने कहा कि मुद्रास्फीति अनुमान को लेकर अनिश्चितताएं अधिक उल्लेखनीय नहीं हैं.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि हाल में हफ्तों में तेल कीमतों में तेजी आई है और भू राजनीतिक कारणों से यह और बढ सकती है. इससे मुद्रास्फीति का परिदृश्य बदलेगा. सुबह के कारोबार में अप्रैल डिलिवरी वाला अमेरिकी बेंचमार्क वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 11 सेंट चढकर 50.63 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गया. अप्रैल डिलिवरी वाला बेंट्र क्रूड 60.74 डालर प्रति बैरल पर चल रहा था.
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