हरियाणा रीयल एस्टेट कंपनियों पर 11,000 करोड रुपये बकाया

चंडीगढ : हरियाणा में जमीन जायदाद के विकास से जुडी कंपनियों से बाह्य विकास शुल्क (ईडीसी) के रूप में 11,048 करोड रुपये वसूल किया जाना है. राज्य सरकार द्वारा जारी श्वेत पत्र से यह पता चला है. हरियाणा में टाउन एंड कंटरी प्लानिंग विभाग द्वारा जारी लाइसेंस के एवज में यह राशि प्राप्त की जानी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 7, 2015 9:20 PM

चंडीगढ : हरियाणा में जमीन जायदाद के विकास से जुडी कंपनियों से बाह्य विकास शुल्क (ईडीसी) के रूप में 11,048 करोड रुपये वसूल किया जाना है. राज्य सरकार द्वारा जारी श्वेत पत्र से यह पता चला है. हरियाणा में टाउन एंड कंटरी प्लानिंग विभाग द्वारा जारी लाइसेंस के एवज में यह राशि प्राप्त की जानी है.

रीयल एस्टेट कंपनियों से ईडीसी नहीं वसूले जाने को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यू ने कहा, ‘पिछले 10 साल में 11,048 करोड रुपये हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) के खाते में डाले जाने चाहिए थे. यह राशि बकाया है और अबतक इसकी वसूली नहीं हो सकी है.’

उन्होंने कहा, ‘यह गंभीर चिंता की बात है कि इन कंपनियों ने 11,048 करोड रुपये के एवज में कोई गारंटी नहीं ली गयी.’

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version