बडी भूमिका संभालने के लिए नई तैयारी में लगा है सेबी

नयी दिल्ली: बाजार नियामक सेबी अपनी बढी जिम्मेदारियों के तहत और अधिक खुदरा निवेशकों को पूंजी बाजार में आकर्षित करने, गतिशील बांड बाजार विकसित करने तथा सभी व्युत्पन्न खंडों के लिए समान नियामकीय प्रणाली बनाने के लिए एक नये खाके पर काम कर रहा है. बाजार नियामक का यह कदम इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2015 5:51 PM

नयी दिल्ली: बाजार नियामक सेबी अपनी बढी जिम्मेदारियों के तहत और अधिक खुदरा निवेशकों को पूंजी बाजार में आकर्षित करने, गतिशील बांड बाजार विकसित करने तथा सभी व्युत्पन्न खंडों के लिए समान नियामकीय प्रणाली बनाने के लिए एक नये खाके पर काम कर रहा है.

बाजार नियामक का यह कदम इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार अगले वित्त वर्ष में 10 अरब डालर का विनिवेश लक्ष्य तय किया है. इसके तहत सार्वजनिक कंपनियों के शेयरों का और बडा हिस्सा आम निवेशकों को दिलवाने पर जोर होगा.
नया रोडमैप सरकार तथा अन्य भागीदारों से विचार विमर्श से तैयार किया जा रहा है. वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा आम बजट में किए गए प्रस्तावों के बाद यह कदम उठाया गया है जिनमें जिंस बाजार नियामक एफएमसी को सेबी में मिला कर एक एकीकृत विनियामक बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है. इसके साथ ही वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत वित्त विधेयक 2015 में ‘प्रतिभूतियों’ को बैंकिंग नियामक आरबीआई के नियामकीय दायरे से निकालने का प्रस्ताव किया गया है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नये खाके तथा अन्य सम्बद्ध मुद्दों पर सेबी बोर्ड की इसी महीने होने वाली बैठक में विचार विमर्श किया जा सकता है. जेटली सेबी बोर्ड की बैठक में बजट के बाद का अपना पारंपरिक संबोधन भी कर सकते हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version