सत्यम मामले में अब नौ अप्रैल को सुनाया जाएगा फैसला

हैदराबाद : पूर्ववर्ती सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज लिमिटेड (एससीएसएल) में करोडों रुपये के लेखा घोटाले से जुडे मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ने आज कहा कि वह इस मामले में अब नौ अप्रैल को फैसला सुनाएगी. इस मामले से जुडे भारी-भरकम दस्तावेज का हवाला देते हुए विशेष न्यायाधीश बीवीएलएन चक्रवर्ती ने कहा ‘नौ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 9, 2015 4:35 PM

हैदराबाद : पूर्ववर्ती सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज लिमिटेड (एससीएसएल) में करोडों रुपये के लेखा घोटाले से जुडे मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ने आज कहा कि वह इस मामले में अब नौ अप्रैल को फैसला सुनाएगी. इस मामले से जुडे भारी-भरकम दस्तावेज का हवाला देते हुए विशेष न्यायाधीश बीवीएलएन चक्रवर्ती ने कहा ‘नौ अप्रैल को फैसला सुनाया जाएगा. मैं इसे बिल्कुल स्पष्ट कर रहा हूं.’ उन्होंने कहा कि यह उच्चतम न्यायालय का निर्देश है कि फैसला सुनाया जाए.

यदि कोई अवरोध पैदा किया जाता है तो यह उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन होगा. यह आपकी (आरोपियों की) जिम्मेदारी है कि आप अपने वकीलों को लाएं. अदालत अपनी कार्यवाही आगे बढाएगी. अदालत ने इससे पहले आज यानी नौ मार्च को फैसला सुनाने का दिन तय किया था. न्यायाधीश ने यह टिप्पणी इसलिए की कि तेलंगाना में नये राज्य के लिए अलग उच्च न्यायालय की मांग को लेकर चल रहे वकीलों के आंदोलन के कारण बचाव पक्ष के वकील अदालत में उपस्थित नहीं हुए.

न्यायधीश ने कहा ‘नौ अप्रैल फैसला सुनाने की आखिरी तारीख होगा. अदालत की कार्रवाई स्थगित करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता. अदालत इंतजार नहीं करेगी.’ अदालत ने 23 दिसंबर 2014 को अपनी आखिरी सुनवाई के दौरान कहा था कि नौ मार्च को फैसला सुनाया जाएगा. मामले की जांच कर रही एजेंसी सीबीआई के वकील के सुरेंदर ने भारी-भरकम दस्तावेज और फैसले को टाइप करने में लगने वाले समय को फैसले की तारीख आगे बढाने की संभावित वजह करार दिया.

सत्यम घोटाले को देश की अब तक की सबसे बडी लेखा धोखाधडी माना जाता है जो सात जनवरी 2009 को सामने आया था जबकि इस कंपनी के संस्थापक और तत्कालीन चेयरमैन बी रामलिंग राजू ने कथित तौर पर माना था कि उन्होंने काफी समय तक कंपनी के खातों में हेरा-फेरी की थी और बरसों तक मुनाफा बढा-चढाकर दिखाया था.

इस खुलासे के दो दिन बाद आंध्र प्रदेश पुलिस की अपराध जांच शाखा ने राजू को उनके भाई रामा राजू और अन्य के साथ गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले के जमानत प्राप्त सभी 10 आरोपी आज अदालत में मौजूद थे. करीब छह साल पहले शुरू हुई सुनवाई में करीब 3,000 दस्तावेज को चिह्नित किया गया और 226 गवाहों से पूछ-ताछ की गई.

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