सरकारी बैंकों के प्रमुखों से बुधवार को मुलाकात करेंगे अरुण जेटली
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे जिसमें इन बैंकों के कामकाज की समीक्षा की जाएगी. वित्त मंत्री उन्हें रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत ब्याज दर में कटौती का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने उपभोक्ताओं को देने के लिए समझा बुझा सकते हैं ताकि आर्थिक वृद्धि को […]
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे जिसमें इन बैंकों के कामकाज की समीक्षा की जाएगी. वित्त मंत्री उन्हें रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत ब्याज दर में कटौती का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने उपभोक्ताओं को देने के लिए समझा बुझा सकते हैं ताकि आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित किया जा सके. सूत्रों ने कहा कि इस बैठक में ऋण उठाव और जनधन योजना की प्रगति आदि की भी समीक्ष की जाएगी.
भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले दो महीने में मुख्य दरों में 0.5 प्रतिशत की कटौती की है लेकिन बैंकों ने इस पर अमल करते हुए अब तक अपनी ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की है. पिछले सप्ताह आरबीआई ने अल्पकालिक ऋण दर (रेपो) तुरंत प्रभाव से 7.75 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत किया. यह 15 जरवरी से नीतिगत ब्याज दर में दूसरी कटौती है. उस दिन भी नीतिगत दर (रेपो) में 0.25 प्रतिशत की कटौती की गई थी.
सूत्रों के मुताबिक तिमाही बैठक में नाबार्ड और एनएचबी जैसे सार्वजनिक क्षेत्र वित्तीय संस्थाओं के प्रमुख भी हिस्सा लेंगे. बैठक में दो दिवसीय ज्ञान संगम में लिए गए फैसलों के संबंध में हुई प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी. पुणे में ज्ञान संगम नाम से वित्तीय संस्थानों के साथ दो दिन की बैठक में प्रधानमंत्री ने भी हिस्सा लिया था.
पुणे सम्मेलन में लिये गये फैसलों में पेशेवर सदस्यों के साथ एक स्वायत्त संस्था ‘बैंक बोर्ड ब्यूरो’ स्थापित करने का निर्णय भी शामिल था ताकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कामकाज बेहतर किया जा सके. प्रस्तावित बोर्ड पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों और बैंकों के गैर आधिकारिक निदेशकों की तलाश और चयन की जिम्मेदारी होगी.
बैठक में अर्थव्यवस्था में ऋण उठाव, प्राथमिक क्षेत्रों को ऋण वितरण और प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत हुई प्रगति जैसे वित्तीय क्षेत्र के मुख्य मुद्दों की समीक्षा होगी. बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए अतिरिक्त शेयर पूंजी की व्यवस्था की आदि पर भी चर्चा होगी.