केयर्न कर मुद्दे से भारत को लेकर कम नहीं हुआ है निवेशकों का उत्साह: जेटली
लंदन: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज उन अटकलों को खारिज कर दिया कि केयर्न इंडिया से पिछली तारीख से की गई भारी-भरकम कर मांग के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर निवेशकों का उत्साह कम हुआ है. उन्होंने कहा कि यह विरासत में मिला मुद्दा है जिसे कानूनी प्रक्रिया के जरिए सुलझाया जाना है. जेटली […]
लंदन: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज उन अटकलों को खारिज कर दिया कि केयर्न इंडिया से पिछली तारीख से की गई भारी-भरकम कर मांग के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर निवेशकों का उत्साह कम हुआ है. उन्होंने कहा कि यह विरासत में मिला मुद्दा है जिसे कानूनी प्रक्रिया के जरिए सुलझाया जाना है.
जेटली ने यहां अपनी यात्रा के आखिर में संवाददाताओं से कहा ‘‘भारत को लेकर काफी उत्साह है. लोग भारत में निवेश के क्षेत्रों पर विचार कर रहे हैं. भारत फिर से निवेशकों के रडार में आ गया है . जबकि पहले हम इससे बाहर हो गये थे.’’
वित्त मंत्री ने कहा ‘‘निवेशक भी सरकार की हर पहल को दो आधार पर-आप वादे के मुताबिक बढ पा रहे हैं या फिर आप उल्टी दिशा में पहल कर रहे हैं-पर आंक रहे हैं. मुझे लगता है कि हम निरंतर एक दिशा में बढ रहे हैं.’’ उन्होंने कहा ‘‘दूसरी बात यह है कि विरोधी गतिविधियां आपको रोकने में कामयाब रहती हैं या फिर आप उन पर कामयाबी हासिल करते हैं. अब तक हमने निश्चित तौर पर उन पर कामयाबी पाई है.’’
यह पूछने पर कि क्या हाल में ब्रिटेन की प्रमुख तेल कंपनी केयर्न एनर्जी को जारी कर मांग के नोटिस से जुडी सुर्खियों ने आम तौर पर उत्साह कम किया है उन्होंने इसे खारिज करते हुए कहा कि यह मामला पिछली सरकार से विरासत में मिला है.
उन्होंने कहा ‘‘जब नई सरकार आई तो मैंने कहा था कि नई सरकार की नीति यह है कि वह कर मामलों में पिछली तारीख से कोई कानून नहीं बनायेगी.’’ जेटली ने कहा ‘‘दूसरी बात, कोई नया नोटिस या नई कार्रवाई नहीं की जाएगी और यदि कोई आकलन अधिकारी ऐसी कार्रवाई करना चाहता है तो उसे केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से मंजूरी लेनी होगी.’’उन्होंने कहा ‘‘जहां तक पहले के नोटिस और कानूनी मामलों का सवाल है उन्हें उचित न्यायिक प्रक्रिया के जरिए सुलझाया जाएगा. पहले के कुछ मामलों में जहां कही न्यायिक प्रक्रिया जो भी फैसला किया है, जैसा कि हाल में कुछ मामलों में हुआ है हमने उसे स्वीकार किया है.’’ जेटली ने कहा मसलन वोडाफोन और शेल मामलों में अदालत ने जो भी फैसला किया सरकार ने स्वीकार किया.
उन्होंने कहा ‘‘भारत सरकार की स्थिति साफ है कि किसी भी कर निर्धारित्री को यदि पिछली सरकार से विरासत में मिले मामलों पर शिकायत है तो उसे सुलझाने के लिए उनके पास उचित प्रक्रिया है.’’जेटली दो दिन की ब्रिटेन यात्रा पर आये थे. इस दौरान उनकी निवेशकों, व्यावसायियों सहित कई बैठकें हुईं.
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