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भारत में कार्यालय स्थापित करेगा यूरोपीय इनवेस्टमेंट बैंक

लक्जमबर्ग : भारत के आर्थिक सुधारों तथा वृद्धि की संभावना से प्रभावित यूरोपीय संघ के स्वामित्व वाला यूरोपीय इनवेस्टमेंट बैंक (ईआईबी) अपना परिचालन के विस्तार के लिये जल्दी ही भारत में अपना कार्यालय खोलने की योजना बना रहा है. दुनिया में ऋण के सबसे अधिक लेनदेन का कारोबार करने वाले इस बहुपक्षीय वित्तीय संस्थान के […]

लक्जमबर्ग : भारत के आर्थिक सुधारों तथा वृद्धि की संभावना से प्रभावित यूरोपीय संघ के स्वामित्व वाला यूरोपीय इनवेस्टमेंट बैंक (ईआईबी) अपना परिचालन के विस्तार के लिये जल्दी ही भारत में अपना कार्यालय खोलने की योजना बना रहा है. दुनिया में ऋण के सबसे अधिक लेनदेन का कारोबार करने वाले इस बहुपक्षीय वित्तीय संस्थान के रूप में जाना जाने वाला यह बैंक भारत में विभिन्न ढांचागत परियोजनाओं के साथ-साथ लघु एवं मझोले उद्यमों को सस्ती दर पर वित्त पोषण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये भारतीय रिजर्व बैंक के साथ बातचीत शुरू कर चुका है.

ईआईबी के निदेशक (ग्लोबल पार्टनर्स) पैट्रिक वाल्श ने कहा, ‘हम भारत में अपना पहला कार्यालय जल्द खोलना चाहते हैं और यह दिल्ली में हो सकता है. हम भारत में अपना कामकाज बढाना चाहते हैं.’ आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये आर्थिक सुधार को आगे बढाने के उपायों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए वाल्श ने कहा कि ईआईबी भारत में वहां की सरकार और निजी क्षेत्र के साथ काम करने को लेकर उत्सुक है.

उन्होंने कहा, ‘भारत बडा बाजार है और मुझे लगता है कि सरकार निजी क्षेत्र के विकास में मदद के लिये नीतिगत कदम उठा रही है. हमारी नजर बडी परियोजनाओं ,खासकर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर है, साथ ही हम लघु एवं मझोले उद्यमों को वित्त उपलब्ध कराना चाहते हैं.’ ईआईबी में क्षेत्रीय प्रबंधक (दक्षिण एशिया) सुनीता लुखू ने कहा कि ईआईबी लखनउ मेट्रो परियोजना समेत बडी परियोजनाओं को वित्त की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये भारतीय प्राधिकरण के साथ बातचीत कर रहा है.

ईआईबी ने पिछले कुछ साल में अबतक भारत में विभिन्न परियोजनाओं को 1.07 अरब यूरो का रिण मंजूर किया है.’ इस साल जनवरी में ईआईबी ने भारतीय स्टेट बैंक के साथ समझौता किया. यह समझौता निजी कंपनियों को कर्ज देने के लिये 10 करोड यूरो (करीब 700 करोड रुपये) के ऋण के लिये था. यह कुल 20 करोड यूरो के मंजूर ऋण का तीसरी किस्त थी. इससे पहले 5.5 करोड यूरो तथा 4.5 करोड यूरो की पहली दो किस्तों के लिए क्रमश: जून और नवंबर 2014 में दस्तखत हुए थे. वाल्श ने कहा कि ईआईबी भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि के अनुमान को लेकर उत्साहित है.

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