नयी दिल्ली : सरकार ने उन सार्वजनिक उपक्रमों की सूची तैयार की है जिनका अगले वित्त वर्ष में विनिवेश करना है और इसकी शुरुआत अप्रैल में भेल से हो सकती है ताकि 2015-16 के लिए तय 41,000 करोड रुपये के विनिवेश लक्ष्य को हासिल किया जा सके. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि विनिवेश विभाग ने भेल के विनिवेश के संबंध में लंदन, सिंगापुर और हांगकांग में रोड शो की प्रक्रिया पूरी कर ली है.
भेल के 260.75 रुपये प्रति शेयर के मौजूदा बाजार मूल्य के आधार पर 12.23 करोड शेयरों की बिक्री से सरकारी खजाने में 3,200 करोड रुपये आएंगे. इस कतार में जो अन्य कंपनियां हैं उनमें एनएमडीसी, नाल्को और आईओसी शामिल हैं जिनकी 10-10 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री का प्रस्ताव है. इसके अलावा ओएनजीसी, पीएफसी और आरईसी में पांच प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री की भी तैयारी है.
सूत्रों ने कहा कि विनिवेश विभाग का मानना है कि भेल के शेयरों में स्थिरता है और संभव है कि यह समय हिस्सेदारी बिक्री के लिए बिल्कुल सही हो. सरकार की भेल में 63.06 प्रतिशत हिस्सेदारी है. मार्च 2014 में सरकार ने एक थोक सौदे के जरिए भेल की 4.66 प्रतिशत हिस्सेदारी 1,800 करोड रुपये में जीवन बीमा निगम को बेची थी. सूत्रों के मुताबिक अन्य सार्वजनिक उपक्रमों में भी विनिवेश की प्रक्रिया जारी है.
विशेष तौर पर ओएनजीसी की पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के संबंध में सरकार सब्सिडी योगदान कार्यक्रम पर काम कर रही है ताकि निवेशकों के सामने स्थिति स्पष्ट की जा सके. अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2015-16 के लिए सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश के जरिए 69,500 करोड रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इसमें नुकसान दर्ज करने वाली और मुनाफे में चल रही, दोनों तरह की कंपनियों की अल्पांश हिस्सेदारी बेचकर 41,000 करोड रुपये और रणनीतिक हिस्सेदारी बेचकर 28,500 करोड रुपये जुटाना शामिल है.
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