सेबी की धोखाधडी पकडने वाली प्रणाली को उन्नत बनाने की दौड में विप्रो और एचसीएल
नयी दिल्ली : बाजार नियामक सेबी की धोखाधडी का पता लगाने वाली प्रणाली की क्षमता बढाने की योजना में विप्रो, एचसीएल, टेक महिंद्रा और एलएंडटी इन्फोटेक समेत सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कई प्रमुख कंपनियों ने काफी रुचि दिखायी है. एचपी और आईबीएम जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियों के अलावा केपीएमजी जैसी प्रमुख परामर्शक कंपनियों ने भी […]
नयी दिल्ली : बाजार नियामक सेबी की धोखाधडी का पता लगाने वाली प्रणाली की क्षमता बढाने की योजना में विप्रो, एचसीएल, टेक महिंद्रा और एलएंडटी इन्फोटेक समेत सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कई प्रमुख कंपनियों ने काफी रुचि दिखायी है. एचपी और आईबीएम जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियों के अलावा केपीएमजी जैसी प्रमुख परामर्शक कंपनियों ने भी रुचि दिखायी है.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) जिसके जिम्मे पूंजी बाजार नियमन और किसी तरह की गडबडी का पता लगाने का काम है अपने डाटा वेयरहाउसिंग एंड बिजनेस इंटेलिजेंस सिस्टम (डीडब्ल्यूआईबीएस) की क्षमता के विस्तार की योजना बना रहा है. इस प्रणाली का उपयोग कारोबार के आंकडे के तेजी से विश्लेषण के लिए होता ताकि भेदिया कारोबार, शेयर मूल्य में साठ-गांठ जैसी किसी तरह की गडबडियों का पता लगाया जा सके.
सेबी ने 2011 में डीडब्ल्यूआईबीएस प्रणाली अपनाई थी जिससे उसे शेयर बाजार में कई तरह की धोखाधडी और साठ-गांठ होने जैसी गतिविधयों का पता लगाने में मदद मिली और नियामक के लिये यह जांच कार्य आगे बढाने में आंकडे जुटाने का मुख्य स्नेत भी है. सेबी अब इस प्रणाली को और उन्नत बनाना चाहता है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.