नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक व सरकार में मुद्रा बाजार के नियमन को लेकर मतभेदों के बीच केंद्रीय बैंक चाहता है कि सार्वजनिक ऋण जारी करने से संबंधित विभिन्न मुद्दों की समीक्षा करने की जरुरत है. रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एस एस मुंदडा ने आज कहा, ‘इस बारे में चिंता जतायी गयी है.
मुझे लगता है कि गवर्नर ने यह कहा है कि (सरकारी बांडों को जारी करने के समय) तथा अन्य सभी संबंधित मुद्दों की समीक्षा करने की जरुरत है. सिर्फ यही चीज है. ये दोनों बातें अंत: मौद्रिक नीति में झलकती हैं और इन दोनों का असर पडता है.’ आरबीआई और सरकार के बीच बीच मतभेद वित्त विधेयक, 2015 को लेकर हैं जिसमें ऋण बाजार के विनियमन का दायित्व रिजर्व बैंक के पास से हटा कर सेबी को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है.
किसी अन्य विवाद के बारे में पूछे जाने पर मुंदडा ने कहा, ‘ऐसा कुछ नहीं है. मुझे लगता है कि यह बहुत हद तक मीडिया की सोच है. यह विचार विमर्श की प्रक्रिया है और इस पर कार्य प्रगति पर है.’
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