नयी दिल्ली : एक रिपोर्ट के अनुसार उपभोक्ता वस्तुओं के दाम नीचे रहने और कमजोर मांग के चलते थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति मार्च में शून्य से नीचे 0.2 से 1.8 प्रतिशत के दायरे में रहने का अनुमान है. शोध एजेंसी डन एण्ड ब्राडस्टरीट (डी एण्ड बी) के अनुसार हालांकि, आने वाले महीनों में खाद्यान्न मूल्य स्तर फिर से चढ सकता है.
लेकिन कमजोर मांग के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में उपभोक्ता वस्तुओं के दाम नीचे रहने से मुद्रास्फीति दबाव हल्का बना रहेगा और लगातार पांचवे महीने यह नकारात्मक दायरे में रह सकता है. डी एण्ड बी का अनुमान है कि मार्च 2015 में थोक मुद्रास्फीति शून्य से 0.2 प्रतिशत से लेकर 1.8 प्रतिशत तक नीचे रह सकती है.
आधिकारिक आंकडों के अनुसार फरवरी माह में थोक मुद्रास्फीति शून्य से 2.06 प्रतिशत नीचे रही थी. इस दौरान खाद्य वस्तुओं, विनिर्मित उत्पादों और ईंधन उत्पादों के दाम घट गये थे. यह लगातार चौथा महीना रहा जब थोक मुद्रास्फीति शून्य से नीचे रही. डी एण्ड बी के अनुसार खाद्य वस्तुओं के दाम में चढ सकते हैं क्योंकि वर्ष 2014-15 के दौरान खाद्यान्न उत्पादन कम रहने का अनुमान है.
इसके अलावा महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों में सूखा और दूसरी प्राकृतिक आपदाताओं की वजह से खाद्यान्न उत्पादन का नुकसान हुआ है.
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