नयी दिल्ली : भारत ने भ्रष्टाचार का भंडाफोड करने में आगे रहने वाले एचएसबीसी बैंक के एक पूर्व कर्मचारी को स्विस बैंक समेत कर चोरी के ठिकानों वाले अनेक देशों में गैरकानूनी खाता रखने वाले नागरिकों के बारे में कोई नयी जानकारी देने के बदले नगद इनाम देने की पेशकश की है.
सूत्रों ने कहा कि सरकार एचएसबीसी के पूर्व कर्मचारी हर्वे फलसियानी को दिये गये प्रस्ताव पर जवाब का इंतजार कर रही है. हर्वे ने संकेत दिया था कि उनके पास स्विट्जरलैंड के जिनीवा में बैंक में खाते रखने वाले 628 भारतीय लोगों की सूची की तर्ज पर ही अतिरिक्त जानकारी है.
सूत्रों ने कहा, ‘सरकार ने काले धन के मामलों पर सूचना पाने के लिए सहयोग के अपने अनुरोध के तहत फलसियानी को नगद इनाम देने की पेशकश की है जिन्होंने कहा था कि उनके पास यह जानकारी है.’ उन्होंने कहा, ‘यह प्रस्ताव का एक पहलू है. इसमें काला धन और दुनियाभर में अवैध धन पर कार्रवाई के लिए दोनों पक्षों के प्रयासों के तहत भी जानकारी का आदान-प्रदान करना शामिल है.’
सूत्रों के अनुसार, ‘उन्हें सरकारी नियमों के अनुसार धन की पेशकश की गयी है.’ हालांकि सूत्रों ने यह नहीं बताया कि कितनी राशि देने की पेशकश की गयी है.उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने व्हिसलब्लोअर से अनुरोध किया है कि वह भारतीय खाता धारकों और उनके साथियों के बारे में जो जानकारी साझा कर सकते हैं, करें.
व्हिसलब्लोअर ने पहले मीडिया से भी बात की थी. वित्त मंत्रालय ने फरवरी में कहा था कि आयकर विभाग फलसियानी के साथ संपर्क में है जिन्होंने जाहिर तौर पर एचएसबीसी, स्विट्जरलैंड में अघोषित बैंक खाते रखने वाले लोगों के नाम बताये थे. वित्त मंत्रालय ने कहा था, ‘उनसे एचएसबीसी, स्विट्जरलैंड और अन्य जगहों पर भारतीयों के अघोषित बैंक खातों के संदर्भ में उनके पास उपलब्ध जानकारी साझा करने का अनुरोध किया गया है. उनके जवाब का इंतजार है.’
अधिकारियों ने कहा कि भारतीय कर अधिकारियों ने काले धन पर विशेष जांच दल (एसआईटी) और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के माध्यम से इस संबंध में पिछले साल फलसियानी से आधिकारिक अनुरोध किया था. सूत्रों के मुताबिक, ‘फलसियानी के जवाब का अब भी इंतजार है, जिनका अंतिम ज्ञात पता पेरिस का था.’
इस बीच आयकर विभाग ने उन लोगों के खिलाफ देश की अनेक अदालतों में कुल 77 अभियोजन मामले दर्ज किये हैं जिनके नाम पहले जारी हुई एचएसबीसी की सूची में थे. उन्होंने कहा, ‘विभाग को भरोसा है कि इन मामलों में सभी मूल्यांकन प्रक्रियाओं को 31 मार्च को मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा.’ सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में अभियोजन के करीब 100 मामले शुरू किये जा सकते हैं.
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