छत्तीसगढ कोल ब्लाक JPL के बदले CIL को देने पर HC ने लगाया स्‍टे

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को छत्तीसगढ कोयला ब्लाक पर यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया है. इस कोयला ब्लाक पर जिंदल पावर लिमिटेड (जेपीएल) की बोली को सरकार ने खारिज कर दिया है. तारा कोयला ब्लाक पर 16 अप्रैल तक के लिए आदेश जारी करते हुए उच्च न्यायालय ने कोयला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2015 1:12 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को छत्तीसगढ कोयला ब्लाक पर यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया है. इस कोयला ब्लाक पर जिंदल पावर लिमिटेड (जेपीएल) की बोली को सरकार ने खारिज कर दिया है. तारा कोयला ब्लाक पर 16 अप्रैल तक के लिए आदेश जारी करते हुए उच्च न्यायालय ने कोयला मंत्रालय से पूछा है कि वह कैसे कोयला खान कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) को आवंटित कर सकता है, जबकि इसे नीलामी के जरिये आवंटन के लिए रखा गया है.

अदालत को सूचित किया गया कि कोयला मंत्रालय ने कोल इंडिया को दो कोयला खानें गारे पाल्मा चार-2 तथा चार-तीन (छत्तीसगढ) आवंटित की हैं. इन ब्लाकों के लिए जिंदल पावर लिमिटेड ने सबसे ऊंची बोलियां लगायी थीं. न्यायमूर्ति बी डी अहमद व न्यायमूर्ति संजीव सचदेव की पीठ ने पूछा, ‘जिस चीज को आपने नीलामी के जरिये आवंटन के लिए रखा है, आप उसे आवंटित कैसे कर सकते हैं.’ जिंदल पावर लिमिटेड ने सरकार के 20 मार्च के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है.

कंपनी की याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने यह आदेश दिया. अदालत ने मंत्रालय को नोटिस जारी करते हुए गारे पाल्मा खानों के बारे में दो दिन में जवाब देने का निर्देश दिया. इस मामले की अगली सुनवाई अब 26 मार्च को होगी. इसके अलावा अदालत ने मंत्रालय को टेंडर रद्द करने से संबंधित दस्तावेज भी पीठ के समक्ष रखने को कहा है.

तारा कोयला ब्लाक की निविदा प्रक्रिया को रद्द करने के संबंध में याचिका पर अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 16 अप्रैल तक सरकार से जवाब देने को कहा है. अपनी दो याचिकाओं में जेपीएल ने 20 मार्च के आदेश को रद्द करने के अलावा सरकार को उसे तीन खानों के लिए सफल बोलीदाता घोषित करने और उनका आवंटन उसे करने का निर्देश देने की अपील की है.

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