नयी दिल्ली : स्पाइसजेट को राहत देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने विमानन नियामक डीजीसीए को कंपनी द्वारा लीज पर लिए गए 6 विमानों का पंजीकरण छह अप्रैल तक रद्द नहीं करने को आज कहा.अदालत ने कहा कि विमानन कंपनी द्वारा आयरलैंड की दो कंपनियों के साथ विवाद का निपटान कर लिए जाने की संभावना है.मुख्य न्यायधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने कहा कि सुनवाई की अगली तारीख तक, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) कोई कार्रवाई नहीं करेगा क्योंकि स्पाइसजेट द्वारा ‘विवाद का निपटान’ किए जाने की संभावना है.
पीठ ने कहा, ‘‘ यदि स्पाइसजेट विवाद का निपटान कर लेती है तो अच्छी बात है, अन्यथा हम मामले की सुनवाई कर उसका निस्तारण करेंगे.’’ उल्लेखनीय है कि विमानन कंपनी ने छह विमानों का पंजीकरण रद्द नहीं करने का डीजीसीए का आदेश देने की उच्च न्यायालय से गुहार लगाई थी। कंपनी का कहना है कि उसके पास विमान नहीं रहने की स्थिति में कोई भी निवेशक विमानन कंपनी में पैसा नहीं लगाएगा.
कंपनी ने यह भी कहा कि उसके विमानों का पंजीकरण रद्द किए जाने की स्थिति में वे यात्री भी प्रभावित होंगे जिन्होंने टिकटों की अग्रिम बुकिंग करा रखी है.इससे पहले, उच्च न्यायालय की एकल जज की पीठ ने 19 मार्च को डीजीसीए को स्पाइसजेट को लीज पर दिए गए छह बोइंग 737 विमानों का पंजीकरण रद्द करने का निर्देश दिया था.
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