सारधा चिटफंड घोटाला:ईडी ने किया केस दर्ज
कोलकाता : सारधा चिटफंड घोटाला में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज किया है. इससे पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आज पश्चिम बंगाल सरकार को सारधा समूह के खिलाफ की गयी कार्रवाई के बारे में हलफनामा दायर करने का आदेश दिया. न्यायालय ने कंपनी को निर्देश दिया कि वह अगले आदेश तक कोई […]
कोलकाता : सारधा चिटफंड घोटाला में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉड्रिंग का केस दर्ज किया है. इससे पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आज पश्चिम बंगाल सरकार को सारधा समूह के खिलाफ की गयी कार्रवाई के बारे में हलफनामा दायर करने का आदेश दिया. न्यायालय ने कंपनी को निर्देश दिया कि वह अगले आदेश तक कोई लेन-देन नहीं करे.
सारधा समूह द्वारा कथित तौर पर किए गए करोड़ों रुपये के चिटफंड घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जे एन पटेल और न्यायमूर्ति जॉयमालो बागची की पीठ ने राज्य सरकार को दो मई तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया. यह जनहित याचिका अधिवक्ता बसाबी रॉय चौधरी ने दायर की है. इसमें सभी चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सीबीआई जांच और तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य कुणाल घोष की गिरफ्तारी का आदेश देने का अनुरोध किया गया है.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि घोटाला तकरीबन 30 हजार करोड़ रुपये का है. चौधरी के वकील सुब्रतो मुखोपाध्याय ने कहा कि याचिकाकर्ता ने घोष की गिरफ्तारी की प्रार्थना की है. घोष सारधा मीडिया के कार्यकारी अध्यक्ष थे. उनपर घोटाले में साठगांठ रखने का आरोप लगाया गया है. याचिकाकर्ता ने प्रार्थना की है कि सारधा समूह की सारी संपत्तियों का सरकार अधिग्रहण कर ले. सारधा समूह के अध्यक्ष सुदीप्त सेन और उनकी करीबी सहायक देबजानी मुखर्जी और अरविंद चौहान को जम्मू कश्मीर के सोनमर्ग से गिरफ्तार किया गया था और कल यहां लाया गया था. इस मामले में अब तीन मई को आगे सुनवाई होगी.
सुदिप्त, सारधा के दो अधिकारी पुलिस हिरासत में भेजे गए
करोड़ों रुपए के सारधा चिटफंड घोटाले के मुख्य आरोपी सुदिप्त सेन और कंपनी के दो अन्य अधिकारियों को आज यहां बिधाननगर की एक अदालत ने 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.सारधा समूह के अध्यक्ष सेन के अलावा कंपनी के निदेशक देबजानी मुखोपाध्याय और अरविंद सिंह चौहान, जो झारखंड में कंपनी का कामकाज देखते हैं, को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ए एच एम रहमान के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
इनपर भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक बलात्कार), 420 (धोखाधड़ी) और 506 (आपराधिक रुप से धमकाना) के तहत आरोप लगाया गया है. अदालत ने निर्देश दिया कि सेन अगर चाहेंगे तो उन्हें जांच के दौरान वकील मुहैया कराया जा सकता है. अदालत ने बिधाननगर के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वह अपने न्यायक्षेत्र में इन तीनों के खिलाफ लंबित मामलों के संबंध में एक सप्ताह के भीतर विवरण दे.
हाथों में तख्तियां लिए युवा कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं ने अदालत के बाहर प्रदर्शन किया. इन लोगों की मांग थी कि सेन को हजारों निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की सजा दी जाए. उन्होंने ममता बनर्जी सरकार पर सारधा समूह के साथ संपर्क होने का आरोप लगाया और तृणमूल कांग्रेस के उन सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिनके नाम डूब चुकी कंपनी के अध्यक्ष द्वारा सीबीआई को लिखे पत्र में हैं. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाने के बाद इलाके की घेराबंदी कर ली. सेन और अन्य दो अधिकारियों को पश्चिम बंगाल पुलिस जम्मू कश्मीर की एक अदालत से चार दिन का ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद यहां लेकर आई. तीनों को जम्मू कश्मीर के सोनमर्ग से 23 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था.
सारधा चिट फंड घोटाले की सीबीआई जांच हो: कांग्रेस
कांग्रेस ने आज कहा कि पश्चिम बंगाल में हुए करोडों रुपये के चिट फंड घोटाले में सच्चाई का पता लगाने के लिए मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से होनी चाहिए. कांग्रेस की बंगाल से सांसद एवं मंत्री दीपा दासमुंशी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम सीबीआई जांच की मांग करते हैं ताकि सच्चाई सामने आ सके और मैं पक्के तौर पर कहना चाहूंगी कि किसी कांग्रेस नेता का नाम (इस घोटाले में) नहीं आएगा.’’
दीपा की यह टिप्पणी उन खबरों के परिप्रेक्ष्य में आयी है, जिनमें कुछ कांग्रेस नेताओं के नाम घोटाले से जोडे गये हैं. उन्होंने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस घोटाले की जिम्मेदारी लेने से बच रही है. इस घोटाले में गरीबों की गाढी कमाई लूटी गयी. दीपा ने कहा कि तृणमूल नेता सारधा समूह के कई कार्यक्रमों में देखे जाते रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव पर भी संदेह व्यक्त किया कि छोटे एवं मध्यम वर्ग के जमाकर्ताओं के लिए 500 करोड रुपये का राहत फंड बनाया जाएगा.
चिटफंड मामले में ईमानदारी से जांच हो :भाजपा
सारधा चिटफंड घोटाले के मुख्य आरोपी द्वारा वित्त मंत्री पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम पर आरोप लगाये जाने की खबरों के मद्देनजर भाजपा ने मामले में निष्पक्षता और ईमानदारी से जांच की मांग की है. भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि पश्चिम बंगाल में सामने आये चिटफंड घोटाले की निष्पक्ष तरीके से जांच होनी चाहिए.
नलिनी चिदंबरम के खिलाफ आरोपों की खबरों के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने उनका नाम नहीं लिया, लेकिन कहा, ‘‘चिटफंड मामले के प्रमुख आरोपी की शिकायत में चेन्नई की एक वरिष्ठ वकील के नाम का भी जिक्र है जिनके बारे में वित्त मंत्री :पी चिदंबरम: से संबंधों की चर्चा हुई है. इस पूरे मामले की ईमानदारी से जांच होनी चाहिए.’’ प्रसाद ने कहा कि पता लगाया जाना चाहिए कि वरिष्ठ वकील :नलिनी चिदंबरम: ने मामले में केवल सरल व्यावसायिक परामर्श दिया था या उनका कोई दूरगामी लक्ष्य था. भाजपा नेता ने इस संबंध में वित्त मंत्री की ओर से बयान की भी मांग की.
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