नयी दिल्ली : सरकार ने आज कहा कि वह अगले दौर में नीलामी के लिये 15-20 कोयला ब्लाक को चिन्हित करने की प्रक्रिया में है लेकिन उच्चतम न्यायालय द्वारा रद्द सभी 204 कोयला ब्लाक की प्रक्रिया पूरी होने की समयसीमा तय नहीं की जा सकती. कोयला तथा बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘नीलामी के लिये 15-20 कोयला ब्लाक की पहचान की जा रही है और हमें उम्मीद है कि इन ब्लाकों से उत्पादन जल्दी शुरू हो सकता है.’
यह पूछे जाने पर कि सरकार सितंबर में रद्द सभी कोयला ब्लाकों का आबंटन कब तक कर पाएगी, उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि सभी 204 कोयला ब्लाकों के लिये समयसीमा निर्धारित की जा सकती है क्योंकि उनमें से कई की संभावना तलाशी जानी है और उनमें से कई का आबंटन अतार्किक मानदंडों के आधार पर किया गया था. मैं पूरा काम व्यवस्थित ढंग से करना चाहूंगा.’
उनसे जब यह पूछा गया कि सरकार इन कोयला ब्लाकों कितना राजस्व प्राप्त होने का लक्ष्य लेकर चल रही है, गोयल ने कहा, ‘हम लक्ष्यों में विश्वास नहीं रखते. हम ईमानदारी से काम करते हैं.’ कोयला परियोजना निगरानी पोर्टल पेश किये जाने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में मंत्री ने यह बात कही. कोयला सचिव अनिल स्वरुप ने कहा, ‘कोयला क्षेत्र में सब कुछ पारदर्शी बनाने की प्रक्रिया में यह नयी शुरुआत है.’
कोयला ब्लाक हासिल करने वाली कंपनियों को आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम आपके साथ हैं. हम आपकी समस्या दूर करने के लिये हर संभव मदद करेंगे.’ सरकार ने हाल ही में दो चरणों में 33 कोयला ब्लाक की नीलामी की. अगले महीने अगले चरण की नीलामी होगी.
कोयले की व्यवस्था की नीलामी के संदर्भ में गोयल ने कहा, ‘हमारी एक समिति इस संबंध में सभी विकल्पों को तलाश रही है. हमने इस संबंध में आगे के कदम को लेकर कोई निर्णय नहीं किया है. समिति की रिपोर्ट आने के बाद हम उपयुक्त निर्णय करेंगे.’
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