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आस्ट्रेलियाई परंपरागत जमीन मालिकों ने अडाणी के भूमि सौदे को किया खारिज

मेलबर्न : जनजातीय परंपरागत भू-स्वामियों ने भारत की खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अडाणी की आस्ट्रेलिया के कोयला-संपन्न क्वीन्सलैंड राज्य में 16.5 अरब डालर की खनन, रेल और बंदरगाह परियोजना को खारिज कर दिया है. इस परियोजना को हालिया दौर का सबसे बडा मामला माना जा रहा है जिसमें स्थानीय स्वामित्व कानून शामिल है. खनन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2015 5:01 PM

मेलबर्न : जनजातीय परंपरागत भू-स्वामियों ने भारत की खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अडाणी की आस्ट्रेलिया के कोयला-संपन्न क्वीन्सलैंड राज्य में 16.5 अरब डालर की खनन, रेल और बंदरगाह परियोजना को खारिज कर दिया है. इस परियोजना को हालिया दौर का सबसे बडा मामला माना जा रहा है जिसमें स्थानीय स्वामित्व कानून शामिल है.

खनन के लिए तय भूमि और गैलिली बेसिन के बडे हिस्से का परंपरागत स्वामित्व वांगन और जागालिंगु (डब्ल्यू एंड जे) का है और उन्होंने इस क्षेत्र में कोयला खान बनाने के लिए अडाणी के साथ जनजातीय भूमि उपयोग समझौते को खारिज कर दिया है. रपट में कहा गया कि अडाणी ने इन जनजातीय लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करने के लिए कानूनी पहल की जिससे क्वींसलैंड सरकार को अनिवार्य तौर पर भूमि अधिग्रहण और कारमाइकेल ब्लाक के लिए खनन पट्टा जारी करने की अनुमति होगी.

ये जनजातीय समुदाय अब नयी लेबर सरकार के साथ वार्ता की मांग कर रहे हैं ताकि सरकार को अडाणी की कानूनी कार्रवाई को समर्थन देने से इनकार करने, अनिवार्य अधिग्रहण खारिज करने और कारमाइकेल के लिए खनन पट्टे के लिए कंपनी का आवेदन खारिज करने के लिए राजी किया जा सके.

जनजातीय समुदाय (डब्ल्यू एंड जे) के प्रवक्ता एड्रियन बुर्रागुब्बा ने कहा ‘क्वींसलैंड की लेबर सरकार के पास सही कदम उठाने का मौका है. हम प्रधानमंत्री अनास्तासिया पलास्‍जुक और खान मंत्री एंथनी लिन्हैम से मांग करते हैं कि हमारी भूमि का अनिवार्य अधिग्रहण खारिज करें.

उन्हें कारमाइकेल के लिए अडाणी के खनन पट्टे का आवेदन खारिज करना चाहिए.’ उन्होंने कहा ‘यदि वे कारमाइकेल को मंजूरी देते हैं तो हमारी जमीन और अनादि काल से इससे चला आ रहा हमारा संबंध कटने के लिए वही जिम्मेदार होंगे.’ उन्होंने कहा ‘डब्ल्यू एंड जे ने कभी भी अडाणी की विशाल खान के लिए मंजूरी नहीं दी न कभी देगा.

इससे हमारे पूर्वजों की जमीन, जल, कुल देवता जैसे पशु एवं वनस्पति और हमारे सपने नष्ट हो जाएंगे. हम सरकार को बता देना चाहते हैं कि इसे रोकने के लिए जो भी संभव हो हम करेंगे.’ बुर्रागुब्बा ने कहा कि उनके लोगों ने कभी भी अडाणी की विशाल खान के लिए सहमति प्रदान नहीं की न देंगे. उन्होंने दावा किया कि अडाणी को आस्ट्रेलिया की सरकार में बैठे लोगों और भारत सरकार का समर्थन प्राप्त है.

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