चीन में श्रम लागत बढने से वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने का भारत के पास बेहतर अवसर : जेटली
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि चीन में श्रम लागत बढने से भारत के सामने विनिर्माण गतिविधियों का बडा वैश्विक केंद्र बनने का बेहतर अवसर है. श्रीराम कालेज ऑफ कामर्स (एसआरसीसी) के सालाना समारोह के मौके पर उन्होंने कहा ‘चीन में वेतन भत्ते बढ गये हैं. विश्व का वह हिस्सा […]
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि चीन में श्रम लागत बढने से भारत के सामने विनिर्माण गतिविधियों का बडा वैश्विक केंद्र बनने का बेहतर अवसर है. श्रीराम कालेज ऑफ कामर्स (एसआरसीसी) के सालाना समारोह के मौके पर उन्होंने कहा ‘चीन में वेतन भत्ते बढ गये हैं. विश्व का वह हिस्सा महंगा होता जा रहा है. ऐसे में क्या हम भारत में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार कर सकते हैं.’ उन्होंने कहा कि भारत में स्तरीय मानव संसाधन है और कई तरह के अच्छे संस्थान है जिससे कि पूंजी लागत तर्कसंगत हो जाती है.
उन्होंने कहा ‘क्या हमारी पूंजी लागत तर्कसंगत नहीं हो सकती? दक्षता एवं गुणवत्ता में सुधार से जुडे सभी मुद्दे. यही हमें विशाल पैमाने पर रोजगार सृजन का अवसर पेश कर रहे हैं और यही देश से गरीबी दूर करने की सर्वश्रेष्ठ संभावना भी है.’ सरकार ने देश में विनिर्माण गतिविधियां बढाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ पहल शुरू की है. फिलहाल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विनिर्माण गतिविधियों का योगदान विकसित देशों के मुकाबले बहुत कम है.
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न दिये जाने के संबंध में जेटली ने कहा कि वे देश के कद्दावर नेता हैं. उन्होंने कहा ‘यह देश और हम सबके लिए गर्व का अवसर है. वह (वाजपेयी) देश के कद्दावर नेता हैं. वह उत्कृष्ट कोटि के नेता हैं जिन्होंने देश के हित में अथक कार्य किया.’ वित्त मंत्री ने कहा ‘इस देश में मुझे लगता है कि बहुत कम लोग हैं जो उनकी तरह अच्छे वक्ता, सांसद, राजनेता, चिंतक और कवि हैं. हम उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी आयु की प्रार्थना करते हैं.’