स्पेक्ट्रम के ऊंचे मूल्य से दूरसंचार कंपनियों पर दबाव बढेगा : जीएसएमए
नयी दिल्ली : हाल में संपन्न नीलामी में दूरसंचार स्पेक्ट्रम के उंचे मूल्य की वजह से देश की दूरसंचार कंपनियों पर वित्तीय दबाव बढेगा, जिससे अंतत: उपभोक्ताओं के लिए दरों में इजाफा होगा. उद्योग के वैश्विक संगठन जीएसएमए ने आज यह बात कही. देश में 2जी और 3जी स्पेक्ट्रम की सबसे बडी नीलामी 19 दिन […]
नयी दिल्ली : हाल में संपन्न नीलामी में दूरसंचार स्पेक्ट्रम के उंचे मूल्य की वजह से देश की दूरसंचार कंपनियों पर वित्तीय दबाव बढेगा, जिससे अंतत: उपभोक्ताओं के लिए दरों में इजाफा होगा. उद्योग के वैश्विक संगठन जीएसएमए ने आज यह बात कही.
देश में 2जी और 3जी स्पेक्ट्रम की सबसे बडी नीलामी 19 दिन बाद बुधवार को संपन्न हुई. इस नीलामी से सरकार को 1.10 लाख करोड रुपये की राशि मिली है.
जीएसएमए के मुख्य नियामकीय अधिकारी टॉम फिलिप्स ने एक बयान में कहा, दुर्भाग्य से स्पेक्ट्रम की ऊंची कीमत की वजह से आपरेटरों पर वित्तीय दबाव बढेगा और अंतत: इसका उपभोक्ताओं पर नकारात्मक असर होगा.
इससे पहले दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कल कहा था, विश्लेषण के अनुसार, दूरसंचार आपरेटरों पर वार्षिक बोझ 5,300 करोड रुपये का होगा. यह मोबाइल फोन की कॉल दरों के लिए 1.3 पैसे प्रति मिनट बैठता है.
हालांकि, जीएसएमए ने बडी संख्या में आपरेटरों द्वारा नीलामी में भाग लेने की सराहना की. फिलिप्स ने कहा, यह नतीजा राष्ट्रीय आपरेटरों के देश में निवेश करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
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