मुंबई : रिजर्व बैंक ने गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए नियमन में संशोधन करते हुए उन्हें मार्च, 2016 तक अपनी रेटिंग कराने का निर्देश दिया है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि निवेश ग्रेड की रेटिंग हासिल करने में विफल रहने वाली एनबीएफसी को नयी जमाएं नहीं स्वीकार करनी चाहिए और न ही उन्हें पुरानी जमाओं का नवीकरण करना चाहिए.
आरबीआई ने देर शाम एनबीएफसी पर संशोधित नियामकीय रुपरेखा अधिसूचित करते हुए कहा, ‘वे परिसंपत्ति वित्त कंपनियां (एएफसी) जो मार्च, 2016 तक एक न्यूनतम निवेश ग्रेड की रेटिंग हासिल नहीं कर पाती हैं, मौजूदा जमाओं का नवीकरण नहीं करेंगी और न ही नयी जमाएं स्वीकार करेंगी.’
मार्च, 2016 तक बिना रेटिंग वाली कंपनियों या उप निवेश ग्रेड वाली कंपनियों को केवल मौजूदा जमाओं का परिपक्वता पर नवीकरण करने की अनुमति दी गयी है, लेकिन नयी जमाएं स्वीकारनें से उन्हें रोक दिया गया है.
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