एयर इंडिया विमान में अपहरण की दहशत के दावों में कोई सच्चाई नहीं : सरकार

नयी दिल्ली : एयर इंडिया एवं नागर विमानन के अधिकारियों ने हाल में लंदन से दिल्ली आ रहे एयर इंडिया के एक विमान में सुरक्षा संबंधी दहशत के दावों को आज झूठा करार दिया. अधिकारियों ने बताया कि 17 मार्च को लंदन के हीथ्रो हवाईअड्डे से यहां इंदिरा गांधी अंतर्राष्टरीय हवाईअड्डे के लिए रवाना हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2015 4:08 PM

नयी दिल्ली : एयर इंडिया एवं नागर विमानन के अधिकारियों ने हाल में लंदन से दिल्ली आ रहे एयर इंडिया के एक विमान में सुरक्षा संबंधी दहशत के दावों को आज झूठा करार दिया. अधिकारियों ने बताया कि 17 मार्च को लंदन के हीथ्रो हवाईअड्डे से यहां इंदिरा गांधी अंतर्राष्टरीय हवाईअड्डे के लिए रवाना हुए विमान एआई-112 में कुछ भी असामान्य होने की रिपोर्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि विमान में अपहरण के दहशत के बारे में जो रिपोर्ट आज छपी है, उनमें कोई सच्चाई नहीं है.

मीडिया के एक वर्ग ने खबर दी है कि लंदन से दिल्ली आने वाले विमान में अपहरण का एक असफल प्रयास किया गया. खबर के अनुसार विमान चालक दल को कुछ यात्रियों के बारे में संदेह था, उनमें से एक यात्री ने बीमारी का बहाना किया, जबकि अन्यों ने चिकित्सक होने का दावा किया और विमान में उसकी सहायता करने की पेशकश की. ये सभी पाकिस्तानी थे और कैप्टेन से मुलाकात की जिद कर रहे थे.

संपर्क करने पर नागर विमानन सचिव वी सोमासुंदरम ने बताया, ‘इसमें कोई सच्चाई नहीं है.’ एयर इंडिया ने भी एक बयान जारी करते हुए कहा कि ऐसे सभी दावे पूरी तरह से झूठे हैं और उस विमान में कोई पाकिस्तानी नागरिक नहीं था, जैसा कि रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है.

मीडिया के एक वर्ग ने रिपोर्ट दी है कि एक अंतर्राष्‍ट्रीय विमान में उडान के दौरान एक घटना हुई थी, जिसमें एक यात्री ने अपने आप को बीमार बताया था और एक से अधिक यात्रियों ने अपने आप को चिकित्सक बताया था और चिकित्सा सहायता देने की पेशकश करते हुए पायलट से मिलना चाहते थे.

रिपोर्ट के अनुसार ये चिकित्सक और बीमार यात्री पाकिस्तानी नागरिक थे और विमान के काकपिट में जाने की कोशिश कर रहे थे. एयर इंडिया ने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहता है कि उपर्युक्त खबरें पूरी तरह से झूठी है. पिछले सप्ताह के दौरान लंदन से दिल्ली आने वाले विमान में केवल एक यात्री को ही चिकित्सा संबंधी सहायता की जरुरत हुई और उसकी एक महिला यात्री ने सहायता की, जो उसकी मदद के लिए स्वयं आगे आयी.

इसमें कहा गया है, ‘जिस यात्री को चिकित्सा संबंधी सहायता की जरुरत हुई, उसके पास ब्रिटेन का पासपोर्ट था और जिस नर्स ने उसकी सहायता की थी, वह भारतीय मूल की थी. इसमें कोई भी पाकिस्तानी नागरिक नहीं था, जैसा कि रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है.’

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