अप्रैल के बजाय जून में ब्याज कम कर सकता है रिजर्व बैंक
नयी दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक सात अप्रैल को मौद्रिक नीति की द्वैमासिक समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर को मौजूदा स्तर पर बरकरार रख सकता है लेकिन जून तक इसमें 0.25 प्रतिशत की कटौती की जा सकती है. डीबीएस की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. वित्तीय सेवा कंपनी डीबीएस की एक शोध रिपोर्ट के […]
नयी दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक सात अप्रैल को मौद्रिक नीति की द्वैमासिक समीक्षा में नीतिगत ब्याज दर को मौजूदा स्तर पर बरकरार रख सकता है लेकिन जून तक इसमें 0.25 प्रतिशत की कटौती की जा सकती है. डीबीएस की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है.
वित्तीय सेवा कंपनी डीबीएस की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार मार्च में आश्चर्यजनक तरीके से नीतिगत ब्याज दर में कटौती के बाद सात अप्रैल को केंद्रीय बैंक की सालाना मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती की संभावना नहीं है. उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने मार्च में आश्चर्यजनक तरीके से नीतिगत ब्याज दर 0.25 प्रतिशत कर 7.5 प्रतिशत कर दिया था. इससे पहले, जनवरी में भी 0.25 प्रतिशत की कटौती की गयी थी.
रिपोर्ट के अनुसार जून तक जरुर इसमें 0.25 प्रतिशत कटौती का अनुमान है और उसके बाद 2015 की दूसरी छमाही में अमेरिकी में ब्याज दर बढने से इस पर कुछ विराम लग सकता है.
मुद्रास्फीति के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल की बेमौसम बारिश से कुछ क्षेत्रों में फसलों को नुकसान पहुंचा. इससे खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी को लेकर चिंता बढी है. इसके अलावा हाल के सप्ताह में तेल के दाम भी अपने न्यूनतम स्तर से उपर उठ चुके हैं जिससे मुद्रास्फीति में और कमी की संभावना सीमित है.
थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जनवरी में शून्य से नीचे 0.39 प्रतिशत रही जो दिसंबर में शून्य से नीचे 0.5 प्रतिशत तथा नवंबर में शून्य से नीचे 0.17 प्रतिशत थी.मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए उद्योग वृद्धि को गति देने के लिये नीतिगत ब्याज दरों में और कटौती की मांग कर रहा है.
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