सुकन्या खाता, बिटिया के लिए वरदान, कर में छूट के साथ पीपीएफ से ज्यादा ब्याज
।। अमलेश नंदन ।। नरेंद्र मोदी सरकार ने महिला सशक्तिकरण के तहत ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ के रूप में एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को शुरू कर दी है. इस योजना के तहत 1 से 10 साल की बेटियों का पोस्ट ऑफिस या बेंक में खाता खुलवाया जा सकेगा. इस खाते […]
।। अमलेश नंदन ।।
नरेंद्र मोदी सरकार ने महिला सशक्तिकरण के तहत ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ के रूप में एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को शुरू कर दी है. इस योजना के तहत 1 से 10 साल की बेटियों का पोस्ट ऑफिस या बेंक में खाता खुलवाया जा सकेगा. इस खाते पर सबसे ज्यादा ब्याज 9.2 फीसदी मिलेगा. बेटियों को समाज में समान अधिकार देने के उद्देश्य से सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है.
योजना के शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा था कि ‘आज हम अपना यह संकल्प दोहराते हैं कि महिलाओं को अपनी विकास यात्रा में समान और अभिन्न भागीदार बनाना है. मेरी सरकार ने महिलाओं के जीवन में रचनात्मक परिवर्तन लाने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किये हैं.
महिलाओं का कल्याण भारत की प्रगति और सभी नागरिकों के लिए गरिमापूर्ण जीवन तथा विकास के अवसर प्रदान करने के हमारे लक्ष्य के केन्द्र में हैं.’ 4 दिसंबर, 2014 में सरकार ने छोटी बचत को प्रोत्साहन देने के लिए बालिकाओं की विशेष जमा योजना ‘सुकन्या समृद्धि खाता’ का शुभारंभ किया. 3 दिसंबर, 2014 को सुकन्या समृद्धि खाता नियम-2014 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया.
कैसे खुलेगा खाता
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत बालिका के माता-पिता या संरक्षक बालिका के नाम से उसके जन्म लेने से दस वर्ष तक की आयु तक एक खाता खोल सकते हैं. जिसपर सबसे ज्यादा 9.2 फीसदी का ब्याज मिलेगा. योजना का प्रारंभिक वर्ष होने के कारण यदि कोई बालिका 2014 में भी दस वर्ष की हो चुकी है, उसका भी खाता खुल सकेगा. जमाकर्ता बालिका के नाम से केवल एक ही खाता खोल और संचालित कर सकता है. माता-पिता या संरक्षक केवल दो बालिकाओं के लिए खाता खोल सकते हैं.
इसके अलावे अगर पहली या दूसरी बिटिया जुड़वा पैदा होती है तो तीन बालिकाओं का खाता खोला जा सकता है. यह खाता 1000 रुपये की प्रारंभिक जमा राशि से खोला जाएगा और एक वित्तीय वर्ष में इसमें न्यूनतम एक हजार और अधिकतम एक लाख पचास हजार रुपये जमा किये जा सकेंगे. खाते में रकम खाता खोलने की तारीख से चौदह वर्ष पूर्ण होने तक जमा की जाएगी. यदि खाते में न्यूनतम राशि जमा नहीं की गयी है तो न्यूनतम जमा राशि सहित 50 रुपये प्रतिवर्ष के जुर्माने के साथ खाते को नियमित कराया जा सकता है.
यह खाता संबंधित बालिका के दस वर्ष के होने तक माता-पिता या संरक्षक द्वारा खोला और संचालित किया जाएगा. बालिका के दस वर्ष के हो जाने के बाद वह स्वयं खाता संचालित कर सकती है. इस योजना का लाभ लेने के लिए सबसे पहले अधिकृत बैंक या पोस्ट ऑफिस में एक खाता खोलना होगा. यह खाता बच्ची के माता-पिता या अभिभावक उसके 10 साल का होने तक खोल सकते हैं. एक बच्ची के नाम पर एक ही खाता खोला जा सकता है. यदि किसी की दो बेटियां हैं तो उसे दो अलग-अलग खाता खोलना होगा. यदि किसी के ट्रिप्लेट्स (तीन) बच्चियां हों तो उसे भी इस योजना का लाभ मिलेगा.
कब-कब निकाल सकते हैं जमा राशि
खाते से जमा राशि का 50 फीसदी बालिका के 18 वर्ष के हो जाने के बाद निकालने की अनुमति दी गयी है. बालिका की मृत्यु होने पर संरक्षक द्वारा खाता बंद कर दिया जा सकता है और राशि ब्याज सहित आहरित कर ली जा सकती है. खाता खोलने की तारीख से इक्कीस वर्ष पूर्ण होने पर खाता परिपक्व होगा. यदि बालिका का विवाह 21 वर्ष अवधि पूर्ण होने से पहले होता है तो विवाह की तारीख के बाद खाते के परिचालन की अनुमति नहीं होगी. खाता चालन बंद होने के पश्चात निकासी पर्ची से जमा राशि ब्याज सहित निकाली की जा सकती है.
स्थानांनतरण की सुविधा और टैक्स से राहत
इस खाते को जिस शहर में खोला जाएगा, वहां से किसी दूसरे शहर में भी स्थानांनतरित किया जा सकता है. इस प्रकार पूरे भारतवर्ष में इस खाते को कहीं भी स्थानांनतरित किया जा सकता है. सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खुलने वाले खातों को टैक्स से छूट मिलेगी. इस योजना के तहत खुलने वाले खातों को आयकर कानून की धारा 80-जी के तहत छूट दी जाएगी. सुकन्या खाता में निवेश राशि पर तो सरकार की ओर से टैक्स छूट प्रदान की ही गयी है. लेकिन सरकार ने अपने नये बजट में सुकन्या खाता पर मिलने वाले ब्याज और परिपक्वता राशि को भी करमुक्त कर दिया है. इस मामले में यह पीपीएफ के बराबर हो गया जिसपर तीन स्तरों पर टैक्स छूट मिलती है.
पीपीएफ से अधिक ब्याज
सुकन्या समृद्धि योजना के शुरू होने से पहले पीपीएफ (पब्लिक प्रोजेक्ट फंड) पर सबसे ज्यादा ब्याज दिया जाता था. पीपीएफ पर 8.7 फीसदी ब्याज मिलता था. लेकिन सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना पर 9.10 फीसदी ब्याज देने की घोषणा की है. सुकन्या खाता में सालाना एक हजार रुपये का निवेश अनिवार्य है और अधिकतम 1.50 लाख रुपये जमा कर सकते हैं. नये वित्तीय वर्ष 2015 में सुकन्या खाता के लिए 9.2 फीसदी ब्याज दर घोषित किया है. पीपीएफ पर 8.7 फीसदी ब्याज मिल रहा है जबकि सुकन्या खाता पर 0.5 फीसदी ब्याज अधिक है.
1 अप्रैल 2015 के बाद से नयी ब्याज दरों की सूची
योजना का नाम | पुराना ब्याज दर % में | नया ब्याज दर % में |
बचत जमा | 4.0 | 4.0 |
एक (1) साल की सावधि जमा | 8.4 | 8.4 |
दो (2) साल की सावधि जमा | 8.4 | 8.4 |
तीन (3) साल की सावधि जमा | 8.4 | 8.4 |
पांच (5) साल की सावधि जमा | 8.5 | 8.5 |
पांच (5) साल की आवर्ती जमा | 8.4 | 8.4 |
पांच (5) साल की एससीएसएस (SCSS) | 9.2 | 9.3 |
पांच (5) साल की एमआइएस (MIS) | 8.4 | 8.4 |
पांच (5) साल का एनएससी (NSC) | 8.5 | 8.5 |
दस (10) साल का एनएससी (NSC) | 8.8 | 8.8 |
पीपीएफ (पब्लिक प्रोजेक्ट फंड) | 8.7 | 8.7 |
किसान विकास पत्र | 8.7 | 8.7 |
सुकन्या समृद्धि खाता योजना | 9.1 | 9.2 |
1 अप्रैल 2014 से प्रभावी | 1 अप्रैल 2015 से प्रभावी |
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