नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने एयरसेल-मैक्सिस सौदे में मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके उद्योगपति भाई कलानिधि तथा परिवार के अन्य सदस्यों की 742.58 करोड रुपये की संपत्ति आज कुर्क की. एजेंसी ने पिछले कुछ महीनों में मारन बंधुओं से पूछताछ की थी. ईडी सूत्रों के अनुसार मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत कुर्की आदेश जारी किया गया. जो संपर्त्ति कुर्क ही गयी है, उसमें मियादी जमा (एफडी) तथा म्यूचुअल फंड शामिल हैं.
ज्यादातर संपत्ति दयानिधि के भाई तथा सन टीवी के प्रबंध निदेशक कलानिधि की थी. कलानिधि की पत्नी कावेरी की भी कुछ संपत्ति कुर्क की गयी है. व्यक्तिगत रूप से जो संपत्ति कुर्क की गयी है, उसमें दयानिधि तथा अन्य की 7.47 करोड रुपये की मियादी जमा राशि, कलानिधि के 100 करोड रुपये का मियादी जमा तथा 2.78 करोड रुपये मूल्य का म्यूचुअल फंड शामिल है. इसके अलावा उनकी पत्नी की 1.30 करोड रुपये का मियादी जमा तथा 1.78 करोड रुपये का म्यूचुअल फंड भी कुर्क किया गया.
एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, ‘मारीशस स्थित कंपनियों ने 742.58 करोड रुपये की रिश्वत दयानिधि के लिये दिये. यह राशि दो कंपनियों मेसर्स सन डायरेक्ट टीवी प्राइवेट लिमिटेड (एसडीटीपीएल) तथा मेसर्स साउथ एशिया एफएम लिमिटेड (एसएएफएल) को दी गयी. ये दोनों कंपनियां का नियंत्रण कलानिधि के पास था. कंपनियों ने इस पैसे का उपयोग अपने कारोबार या निवेश में किया. पीएमएलए के तहत मामले की जांच से यह पता चला कि एसडीटीपीएल के प्रवर्तक कलानिधि और कावेरी कलानिधि थी.
इन दोनों के पास एसडीटीपीएल के 80 प्रतिशत शेयर थे. एसएएफएल के शेयरधारक मेसर्स सन टीवी नेटवर्क लिमिटेड (60 प्रतिशत) तथा एएच मल्टीसाफ्ट प्राइवेट लिमिटेड तथा मेसर्स साउथ एशिया मल्टीमीडिया टेक्नोलाजीज लिमिटेड मारीशस के पास 20-20 प्रतिशत हिस्सेदारी है. ईडी जांच में पाया गया कि कलानिधि की मेसर्स सन टीवी नेटवर्क लिमिटेड में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है. मेसर्स काल कॉम प्राइवेट लिमिटेड में उनकी और उनकी पत्नी की हिस्सेदारी क्रमश: 90 प्रतिशत हिस्सेदारी और 10 प्रतिशत है.
उच्चतम न्यायालय मामले की जांच की निगरानी कर रहा है और उप निदेशक राजेश्वर सिंह को मामले में जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. इस मामले में ईडी ने सीबीआई द्वारा दायर एफआईआर के बाद 2012 में मामले का संज्ञान लेकर अपनी जांच शुरू की थी. सीबीआई ने अदालत में कहा है कि दयानिधि ने 2006 में चेन्नई के उद्यमी सी शिवशंकरन पर दबाव डालकर उन्हें एयरसेल और उसकी दो अनुषंगी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी मलेशिया के मैक्सिस समूह को बेचने को मजबूर किया. पीएमएलए के तहत कुर्की आदेश को प्रभावित पक्ष 120 दिन के भीतर निर्णायक अधिकारी के पास चुनौती दे सकता है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.