रिजर्व बैंक के पेशेवर अनुभव से भारत को बडा लाभ हुआ : अरुण जेटली
मुंबई : पिछले आठ दशक से देश की वृहद आर्थिक दशा में सुधार के लिये रिजर्व बैंक के प्रयासों की सराहना करते हुये वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि केंद्रीय बैंक के पेशेवर अनुभव से देश को बडी सहायता मिली है. जेटली ने कहा, ‘वर्ष 1935 में शुरुआत से ले कर आज तक, […]
मुंबई : पिछले आठ दशक से देश की वृहद आर्थिक दशा में सुधार के लिये रिजर्व बैंक के प्रयासों की सराहना करते हुये वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि केंद्रीय बैंक के पेशेवर अनुभव से देश को बडी सहायता मिली है. जेटली ने कहा, ‘वर्ष 1935 में शुरुआत से ले कर आज तक, देश के राजकाज से जुडे कार्यों का एक बडा हिस्सा रिजर्व बैंक के कंधों पर ही रहा है. मौद्रिक नीति के प्रबंधन से लेकर, मुद्रास्फीति, प्रमुख दरों के अलावा बैंकिंग क्षेत्र का नियमन और लोक ऋण का प्रबंधन.’
उन्होंने कहा, ‘ये वह कामकाज हैं जो कि रिजर्व बैंक ने पिछले 80 साल की लंबी यात्रा के दौरान बेहतर ढंग से निभाये हैं.’ जेटली ने रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन और उनकी टीम तथा बैंक के पूर्व गवर्नरों को देश की आर्थिक रूप से सबल बनाने में उनके योगदान के लिये बधाई दी. रिजर्व बैंक की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये जेटली ने कहा, ‘यह केंद्रीय बैंक का पेशेवर अनुभव और योग्यता ही है जिसने देश की बेहतर सेवा की है. हमें सचमुच उसके कार्यप्रदर्शन पर गर्व है.’
जेटली ने आगे कहा कि सरकार विदेशी और घरेलू निवेशकों के लिये दरवाजे खोलकर देश की साख बहाल करने के लिये हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में अधिक से अधिक कोष आकर्षित करने के लिये विभिन्न प्रक्रियाओं को नियमों को सरल बना रही है. जेटली ने यह भी कहा कि सरकार वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की शुरुआत के लिये जल्द ही संविधान संशोधन पर ध्यान दे रही है.
सरकार की अग्रणी योजना ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना – पीएमजेवाईडी’ के बारे में जेटली ने कहा कि यह कार्यक्रम अप्रत्याशित तौर पर सफल रहा और इसके लिये उन्होंने पूरा श्रेय बैंकिंग तंत्र को दिया. वित्त मंत्री ने हालांकि, कहा कि अब चुनौती यह है कि इस योजना के तहत जो खाते खोले गये हैं उन्हें जारी रखा जाये. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत अब अगला चरण इसके खाता धारकों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराना है. इसमें जीवन बीमा और पेंशन योजना जैसी सामाजिक सुरक्षा देने वाली योजनाओं को शामिल किया जायेगा.