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सरकार व रघुराम राजन के मतभेद की बात को पीएम नरेंद्र मोदी ने हवा में उडाया, कहा परफेक्ट मेन हैं

।। अमलेश नंदन ।। बहुमत के साथ 2014 में सरकार गठन के बाद एनडीए ने अर्थव्‍यवस्‍था को पटरी पर लाने के लिए कई महत्‍वपूर्ण फैसले किए. इनमें एक बड़ा फैसला रिजर्व बेंक के गवर्नर रघुराम राजन को उस पद पर बनाए रखना है. मीडिया गलियारे में शुरू से ही खबरे आ रही थीं कि सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2015 11:06 AM

।। अमलेश नंदन ।।

बहुमत के साथ 2014 में सरकार गठन के बाद एनडीए ने अर्थव्‍यवस्‍था को पटरी पर लाने के लिए कई महत्‍वपूर्ण फैसले किए. इनमें एक बड़ा फैसला रिजर्व बेंक के गवर्नर रघुराम राजन को उस पद पर बनाए रखना है. मीडिया गलियारे में शुरू से ही खबरे आ रही थीं कि सरकार और राजन के बीच संबंध काफी अच्‍छा नहीं है. अर्थव्‍यवस्‍था को सुधारने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार का जिस प्रकार हर क्षेत्र में हस्‍तक्षेप रहा है. इसके बावजूद रिजर्व बेंक की स्‍वायतता पर सरकार ने कभी भी अंकुश नहीं लगाया है.

बीच में खबरे आ रहीं थी कि वित्त मंत्री अरुण जेटली और रिजर्व बैंक के गवर्नर राजन के बीच संबंध मधुर नहीं है. कुछ फैसलों पर दोनों में नहीं बनती है. राजन ने भी कई बार अपने बयानों से सरकार को कटघरे में खड़ा करने का काम किया है. उसी प्रकार सरकार की ओर से बयान देते हुए जेटली ने हर बार कहा है कि सरकार के काम से अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार की बातें करते हुए रिजर्व बैंक से रेट कट की बातें की है. हालांकि एक ही वित्तीय वर्ष में दो बार रिजर्व बैंक ने 25-25 बेसिक अंकों की कटौती की है, लेकिन जेटली की मानें तो अभी और रेट कट की गुंजाइश है.

इन सब विवादों के बीच गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिजर्व बैंक के कार्यक्रम में अपने भाषण की शुरुआत रघुराम राजन की तारीफ से की. उन्‍होंने राजन को एक बेहतर अर्थशास्‍त्री बताया और कहा कि रिजर्व बैंक ने अपने 80 साल के सफर में कई उपलब्धियां हासिल की हैं. मोदी ने यहां तक कहा कि सरकार और रिजर्व बेंक के सोच की दिशा समान है. इससे यह तो साफ हो गया कि रघुराम राजन और मोदी सरकार के बीच कोई विवाद नहीं हैं.

हालांकि राजन के फैसलों में उनकी स्‍वायतता साफ नजर आती है. सरकार के दबाव में राजन ने कोई भी फैसला अभीतक नहीं लिया है. गौरतलब है कि रिजर्व बैंक व सरकार के बीच मुद्रास्फीति और ब्याज दर सहित विभिन्न मुद्दों पर मतभेदों की चर्चा समय-समय पर उठती रहती है. लेकिन सरकार व रिजर्व बैंक ने हमेशा कहा है कि उनके बीच किसी तरह का मतभेद नहीं है. लेकिन इस साल के बजट में कुछ प्रस्तावों से संकेत मिलता है कि सरकार कुछ कामकाज को रिजर्व बैंक के दायरे से बाहर करना चाहती है. इसमें लोक ऋण प्रबंधन का कामकाज भी शामिल है.

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मोदी ने कहा रघुराम राजन पूर्ण रूप से उपयुक्‍त हैं

रिजर्व बैंक और सरकार के बीच मदभेद की चर्चाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गवर्नर रघुराम राजन की तारीफ की और उन्हें पूर्ण रुप से उपयुक्त व्यक्ति बताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि राजन उन्हें जटिल आर्थिक मसलों को बहुत आसान तरीके से समझा देते हैं. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक की सोच की दिशा समान है. मोदी ने कहा कि राजन रिजर्व बैंक की नीतियों के प्रभावों के बारे में पूरी बात ‘सिर्फ तीन से चार स्लाइड’ में ही समझा देते हैं. निश्चित रूप से वह पहले एक बहुत अच्छे अच्छे शिक्षक रहे होंगे.

राजन शिकागो विश्वविद्यालय में फाइनेंस के प्रोफेसर रह चुके हैं. उन्‍हें सितंबर, 2013 में रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाया गया था. राजन ने कहा है कि रिजर्व बैंक व सरकार के बीच हमेशा से रचनात्मक बातचीत होती रहती है. रिजर्व बैंक की स्थापना के 80 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने राजन की अगुवाई में केंद्रीय बैंक की भूमिका पर संतोष जताया.

मोदी ने कहा, ‘रिजर्व बैंक व सरकार की सोच में बहुत अधिक समानताएं हैं. यह बेहद जरुरी है. सरकार के प्रतिनिधि के रूप में मैं अपना संतोष व्यक्त करता हूं. रिजर्व बैंक अपनी भूमिका निभा रहा है. इसके लिए मैं रघुराम जी व उनकी टीम को बधाई देता हूं.’ इसी समारोह में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी राजन, उनकी टीम और रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नरों को देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए बधाई दी.

राजन के साथ अपनी द्विमासिक बैठकों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि वह नीतियों का प्रभाव सिर्फ तीन चार स्लाइड में बता देते हैं. इनके बारे में समझाने के लिए राजन पूरी तरह उपयुक्त हैं. मोदी ने कहा कि स्वयं वह आर्थिक मसलों को आसानी से नहीं समझ पाते थे. लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में उन्‍हें जटिल मुद्दों को जानना व समझना पडा है.

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अरुण जेटली ने भी संकेतों में राजन को सराहा

पिछले आठ दशक से देश की वृहद आर्थिक दशा में सुधार के लिये रिजर्व बैंक के प्रयासों की सराहना करते हुये वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को रिजर्व बैंक के कार्यक्रम में ही कहा कि केंद्रीय बैंक के पेशेवर अनुभव से देश को बडी सहायता मिली है. जेटली ने कहा, ‘वर्ष 1935 में शरुआत से ले कर आज तक, देश के राजकाज से जुडे कामों का एक बडा हिस्सा रिजर्व बैंक के कंधों पर ही रहा है. मौद्रिक नीति के प्रबंधन से लेकर, मुद्रास्फीति, प्रमुख दरों के अलावा बैंकिंग क्षेत्र का नियमन और लोक ऋण का प्रबंधन भी रिजर्व बैंक ही देखता रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘ये वह कामकाज हैं जो कि रिजर्व बैंक ने पिछले 80 साल की लंबी यात्रा के दौरान बेहतर ढंग से निभाये हैं.’ जेटली ने रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन और उनकी टीम तथा बैंक के पूर्व गवर्नरों को देश की आर्थिक रूप से सबल बनाने में उनके योगदान के लिये बधाई दी. रिजर्व बैंक की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये जेटली ने कहा, ‘यह केंद्रीय बैंक का पेशेवर अनुभव और योग्यता ही है जिसने देश की बेहतर सेवा की है. हमें सचमुच उसके कार्यप्रदर्शन पर गर्व है.’

जेटली ने आगे कहा कि सरकार विदेशी और घरेलू निवेशकों के लिये दरवाजे खोलकर देश की साख बहाल करने के लिये हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में अधिक से अधिक कोष आकर्षित करने के लिये विभिन्न प्रक्रियाओं को नियमों को सरल बना रही है.

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