नयी दिल्ली : पूंजी बाजार नियामक सेबी ने पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) की श्रेणी में व्यवस्थागत तौर पर महत्वपूर्ण एनबीएफसी और कुछ पंजीकृत पारिवारिक ट्रस्टों को शामिल करने का प्रस्ताव किया है. सेबी के इस कदम से इस तरह के प्रतिष्ठान भी बैंकों और म्यूचुअल फंडों की तरह संस्थागत निवेशकों के समकक्ष हो जायेंगे.
बाजार नियामक ने यह भी सुझाव दिया है कि सेबी के पास पंजीकृत कोई अन्य इकाई जिसकी न्यूनतम नेटवर्थ 500 करोड रुपये है, उसे भी पात्र संस्थागत खरीदार माना जायेगा. सेबी नियमन के तहत वर्तमान में क्यूआईबी ऐसी फर्मों को माना जाता है जिन्हें आमतौर पर वित्तीय क्षेत्र में पूंजी बाजार में निवेश और विश्लेषण के मामले में विशेषज्ञता हासिल है.
वर्तमान में क्यूआइबी के श्रेणी में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, म्यूचुअल फंड, विदेशी संस्थागत निवेशक और पूंजी उद्यम कोष जैसे वित्तीय संस्थान शामिल हैं. सेबी के एक नये प्रस्ताव में कहा गया है, क्यूआईबी की परिभाषा का विस्तार कर इसमें रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार व्यवस्थागत तौर पर महत्वपूर्ण एनबीएफसी और पारिवारिक कार्यालयों-ट्रस्टों को भी शामिल किया जाना चाहिये.
हालांकि ऐसे पारिवारिक कार्यालयों-ट्रस्टों को अपने आप को वैकल्पिक निवेश कोष के तौर पर पंजीकृत कराना होगा.’ सेबी ने अपने इस प्रस्ताव पर 20 अप्रैल तक सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं. यह प्रस्ताव नये उद्यमों के लिये पूंजी जुटाने के वैकल्पिक पूंजी उगाही प्लेटफार्म स्थापित करने के मसौदा दस्तावेज का हिस्सा है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.