सरकार राष्ट्रीय आफसेट प्रणाली पर कर रही है काम : एफटीपी
नयी दिल्ली : वाणिज्य मंत्रालय एक राष्ट्रीय आफसेट (समायोजन) प्रणाली पर काम कर रहा है जिसके तहत सरकार और सार्वजनिक उपक्रमों को सामान बेचने वाली विदेशी कंपनियों को आपूर्ति का कुछ हिस्सा घरेलू कंपनियों से खरीदना होता है. सरकार के इस कदम का मकसद स्थानीय स्तर पर विनिर्माण गतिविधियों को बढावा देना है. नयी विदेश […]
नयी दिल्ली : वाणिज्य मंत्रालय एक राष्ट्रीय आफसेट (समायोजन) प्रणाली पर काम कर रहा है जिसके तहत सरकार और सार्वजनिक उपक्रमों को सामान बेचने वाली विदेशी कंपनियों को आपूर्ति का कुछ हिस्सा घरेलू कंपनियों से खरीदना होता है. सरकार के इस कदम का मकसद स्थानीय स्तर पर विनिर्माण गतिविधियों को बढावा देना है. नयी विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) में यह जानकारी देते हुये कहा गया है, ‘यह (राष्ट्रीय आफसेट प्रणाली) शुरुआत में इसमें सार्वजनिक उपक्रमों सहित सरकारी खरीदारी को ही कवर किया जायेगा.
हालांकि रक्षा खरीद इसमें शामिल नहीं होगी क्योंकि रक्षा खरीद में पहले ही इस प्रकार की एक समायोजन नीति अपनायी जा रही है.’ इसमें कहा गया है कि एक सीमा तय की जायेगी और उससे अधिक के अनुबंधों में ऑफसेट यानी समायोजन की शर्त को शामिल किया जायेगा. इसमें कहा गया है, ‘कुल खरीदारी की अनुमानित लागत का कम से कम 30 प्रतिशत मूल्य का समायोजन दायित्व होगा.’ देश में वर्तमान में केवल रक्षा खरीद सौदों में ही इस तरह की समायोजन सुविधा है.
इसके तहत रक्षा सामानों के विदेशी आपूर्तिकर्ता को कुल मूल्य का कम से कम 30 प्रतिशत सामान स्थानीय स्तर पर ही लेना होता है. एक अधिकारी के अनुसार वाणिज्य मंत्रालय ने इस बारे में संबंधित मंत्रालयों से उनके विचार प्राप्त कर लिये हैं और अब इसके लिये मंत्रिमंडल नोट को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है. सरकार ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि को तेज करने और रोजगार बढाने के लिये कई तरह की पहल कर रही है.
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