मुंबई : कंपनियों के निदेशक मंडल में महिलाओं की उपस्थिति और बढाने की वकालत करते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने है कहा कि उनका बैंक कुछ और महिलाओं को अपने निदेशक मंडल में जगह देना चाहता है. एसबीआइ ने सरकार को इसके लिए कुछ नाम भी सुझाये हैं. एसबीआइ का यह रुख सूचीबद्ध कंपनियों से उलट है. सूचीबद्ध कंपनियां अपने निदेशक मंडल में महिला निदेशक की नियुक्ति को लेकर उत्साह नहीं दिखातीं.
सेबी की ओर से सूचीबद्ध कंपनियों में कम से कम एक महिला निदेशक के नियम के अनुपालन की सीमा 31 मार्च को समाप्त हो गयी है. इसके बाद सेबी के अध्यक्ष ने महिला निदेशक नहीं रखने वाली कंपनियों पर कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है. एसबीआइ इस नियम का पहले से अनुपालन कर रहा है.
उसकी चेयरपर्सन ही महिला हैं. भट्टाचार्य ने कल यहां संवाददाताओं से कहा, ‘अभी बैंक कंपनी कानून (सेबी नियम) का अनुपालन कर रहा है. लेकिन हम अपने निदेशक मंडल में और महिलाएं चाहते हैं.’ उन्होंने कहा कि हमने इसकी प्रक्रिया शुरू की है और सरकार को कुछ नाम भी सुझाये हैं.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के दिशानिर्देशों व नये कंपनी कानून के प्रावधानों के तहत सभी सूचीबद्ध कंपनियों में कम से कम एक महिला निदेशक की नियुक्ति अनिवार्य है. हालांकि, इन नियमों की घोषणा करीब साल भर पहले हुई थी और सितंबर, 2014 में इसकी समयसीमा छह माह के लिए बढायी गयी थी, लेकिन इसके बावजूद सैकड़ों कंपनियों ने आखिरी दिनों ही महिला निदेशक की नियुक्ति की है.
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