ब्‍याज दरों में कटौती नहीं करने के रघुराम राजन के मुख्‍य तर्क

नयी दिल्‍ली : भारतीय रिजर्व बैंक ने आज मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए सभी नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने का निर्णय किया है. रिजर्व बैंक को अंदेशा है कि आने वाले दिनों में महंगाई में और अधिक वृद्धि हो सकती है. इसके साथ ही पहले रेपो रेट में कटौती का फायदा अभी तक बैंकों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2015 1:00 PM

नयी दिल्‍ली : भारतीय रिजर्व बैंक ने आज मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए सभी नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने का निर्णय किया है. रिजर्व बैंक को अंदेशा है कि आने वाले दिनों में महंगाई में और अधिक वृद्धि हो सकती है. इसके साथ ही पहले रेपो रेट में कटौती का फायदा अभी तक बैंकों द्वारा ग्राहकों को नही दिए जाने से भी केंद्रीय बैंक नाराज है. गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि बैंकों से अपेक्षा थी कि वे अपने ग्राहकों को रेट कट का फज्ञयदा जरुरी देंगे. लेकिन आश्‍वासनों के अलावे अभीतक किसी भी बैंक ने ब्‍याज दरों में कटौती नहीं की है. इतना ही नहीं कुछ बैंकों ने तो जमाओं पर भी ब्‍याज दरों में कटौती कर दी है. राजन का कहना है कि ब्‍याज दरों में कटौती नहीं करने से ऋणों के प्रवाह पर असर पड़ रहा है. कर्ज की मांग घटी है और फिर भी बैंक सचेत नहीं हैं.

रिजर्व बैंक की 2015-16 की पहली मौद्रिक नीति की मुख्य बातें

# अल्पकालिक उधार दर (रेपो) 7.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित.

# सीआरआर 4 प्रतिशत, एसएलआर 21.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित.

# वर्ष 2015-16 में जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान, 2015-16 के बाद 7.5 प्रतिशत से उपर.

# खुदरा मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति मार्च 2016 तक 5.8 प्रतिशत रहने की भविष्यवाणी.

# खुदरा मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगस्त 2015 में घटकर 4 प्रतिशत रहने का अनुमान.

# मार्च में ओलावृष्टि से रबी मौसम की 17 प्रतिशत फसल प्रभावित.

# भविष्य में दरों में कटौती बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कमी पर निर्भर.

# अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दरों में वृद्धि के बाद की स्थिति से निपटने को भारत की तैयारी अच्छी.

# राज्य सहकारी बैंकों को बिना पूर्व मंजूरी के शाखा से हटकर अथवा चलते-फिरते एटीएम लगाने की अनुमति.

# रिजर्व बैंक उन सरकारी प्रतिभूतियों में जिनमें सौदे नहीं होते अथवा कम होते हैं बाजार बनाने के लिये प्राथमिक डीलरों के वास्ते योजना तैयार करेगा.

# वित्त वर्ष की दूसरी द्वैमासिक नीतिगत समीक्षा दो जून को होगा.

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