लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चीन की कंपनियों द्वारा उनके प्रदेश में निवेश करने में दिलचस्पी पर उत्साहित हैं और उनकी सरकार ‘चायनीज मैन्युफैक्चरिंग जोन’ के लिये जमीन देने को तैयार है. यह बात एक उद्योगमंडल के वरिष्ठ पदाधिकारी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद बतायी. चीनी कम्पनियों की पेशकश के संबंध में उद्योग मंडल एसोसिएटेड चैम्बर्स आफ कामर्स एण्ड इण्डस्टरी आफ इंडिया (एसोचैम) एक परियोजना रपट तैयार कर रहा है.
एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री ने चीनी कम्पनियों द्वारा उत्तर प्रदेश में निवेश की इच्छा के बारे में बताये जाने पर खासा उत्साह दिखाते हुए कहा कि वह उनका स्वागत करने को तैयार हैं और यह मौका हाथ से जाने नहीं देंगे. रावत ने बताया कि चीन की करीब 50 कम्पनियां एसोचैम के सम्पर्क में हैं. वे भारत में एक ‘मैन्युफैक्चरिंग जोन’ बनाकर निवेश करना चाहती हैं और उनकी जरुरतों के हिसाब से उत्तर प्रदेश सबसे उपयुक्त है.
एसोचैम इस सिलसिले में एक परियोजना तैयार कर रहा है. रावत ने बताया कि अखिलेश ने ‘चाइनीज मैन्युफैक्चरिंग जोन’ के लिये मथुरा में जमीन तथा अन्य सुविधाएं देने की बात कही है. साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को चीनी कम्पनियों के प्रतिनिधियों से बातचीत करने के लिये भेजने को भी कहा है. उन्होंने कहा ‘हमने मुख्यमंत्री से कहा कि अगर उनकी सरकार इच्छुक चीनी कम्पनियों को जमीन उपलब्ध कराकर कुछ रियायतें देगी तो वे कम्पनियां खुद ही अपना जोन बना लेंगी.
वे 100 अन्य कम्पनियों को भी अपने साथ लाना चाहती हैं.’ रावत ने कहा ‘अगर यह परियोजना कामयाब हुई तो उत्तर प्रदेश का औद्योगिक मानचित्र और भाग्य बदल जाएगा. प्रदेश को चीनी कम्पनियों से कम से कम एक लाख करोड का नया निवेश मिलेगा. साथ ही कोरिया, खाडी देशों तथा यूरोप के अनेक मुल्क उत्तर प्रदेश में निवेश के लिये तैयार हो सकेंगे.’ रावत ने कहा कि चीनी कम्पनियों की परियोजना से करीब 30 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और तीन लाख लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा.
इससे उत्तर प्रदेश के बारे में दुनिया की सोच बदल जाएगी.’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यादव को पिछले 10 महीनों के दौरान राज्य के प्रति निवेशकों की धारणा सकारात्मक होने का फायदा उठाना चाहिये और उसे विदेशी निवेशकों के सामने प्रभावी तरीके से रखना चाहिये. रावत ने कहा कि राज्य सरकार अगर एसोचैम तथा अन्य तमाम उद्योग मण्डलों के सम्पर्क में रहे तो उसे जमीनी हकीकत और सुधार के उपायों के बारे में बेहतर तरीके से पता लग सकता है.
उसे उद्योग मण्डलों, राजनयिकों तथा निवेशक मंचों की मदद लेनी चाहिये. उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिये राज्य सरकार को ‘यूपी ऑफर्स’ नाम से पुस्तक छापनी चाहिये, जिसमें सरकार द्वारा निवेशकों को दी जानी वाली तमाम सुविधाओं को वैज्ञानिक तरीके से सामने रखा जाए. रावत ने कहा कि सरकार अगर चीन तथा अन्य देशों की इच्छुक कम्पनियों को सस्ती दर पर जमीन तथा करों में रियायत दे तो दुनिया में इसका बहुत अच्छा संदेश जाएगा.
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