मुंबई : आरबीआइ ने अपनी उदार नीतिगत पहल के मुतबिक ऋणों पर ब्याज दर में कमी करने के लिए आज बैंकों पर दबाव बनाया और कहा कि ऐसा जितनी जल्दी होगा अर्थव्यवस्था के लिए उतना ही अच्छा होगा. आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन ने चालू वित्त वर्ष की पहली द्वैमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा ‘नीतिगत दर में कटौती का अब तक ब्याज दरों पर बहुत कम असर हुआ है.’ हम इसका असर फैलने का इंतजार कर रहे हैं. मुझे इसके होने में कोई संदेह नहीं है. पर यदि ऐसा जल्दी होता है तो यह अर्थव्यवस्था के बेहतर होगा.’
हालांकि आरबीआइ ने जनवरी से अब तक दो बार में मुख्य दरों में 0.50 प्रतिशत की कटौती की है लेकिन बैंकों ने मुख्य दरों में कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को नहीं दिया है. राजन ने आज अपनी नीतिगत दरों को पिछले स्तर पर बरकार रखा लेकिन उम्मीद जतायी कि प्रतिस्पर्धा के दबाव और धन की सहज स्थिति के चलते बैंक अपना कर्ज सस्ता करेंगे.
उन्होंने कहा ‘नकदी की आरामदेह स्थिति के मद्देनजर बैंकों को नीतिगत दरों में हालिया कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को देना चाहिए जिससे ताकि अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण की स्थिति में सुधार हो.’ आरबीआइ ने कहा कि वह आगे भी उदार मौद्रिक नीति बरकरार रखेगा. नीति में कहा गया ‘रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में पहले की गयी कटौती के प्रभाव में बैंकों की ब्याज दरों में कटौती का इंतजार करेगा.’
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