11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी तक 6 प्रतिशत के दायरे में रहने की उम्‍मीद : RBI

मुंबई : रिजर्व बैंक को यकीन है कि अगले साल जनवरी तक खुदरा मुद्रास्फीति छह प्रतिशत के दायरे में सीमित रखने का लक्ष्य हासिल हो जाएगा वह चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को लेकर सावधानी बरत रहा है और इसके 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. जीडीपी का यह अनुमान […]

मुंबई : रिजर्व बैंक को यकीन है कि अगले साल जनवरी तक खुदरा मुद्रास्फीति छह प्रतिशत के दायरे में सीमित रखने का लक्ष्य हासिल हो जाएगा वह चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को लेकर सावधानी बरत रहा है और इसके 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. जीडीपी का यह अनुमान सरकारी अनुमानों से कम है. रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने 2015-16 की पहली द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में कहा है, ‘खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2016 के लिये तय 6 प्रतिशत के लक्ष्य से कम रहेगी, यह 2015-16 की पहली छमाही में 5 प्रतिशत के आसपास रहेगी और दूसरी छमाही में यह 5.5 प्रतिशत से कुछ उपर रह सकती है.’

रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. रिजर्व बैंक का यह अनुमान 2015-16 के लिये सरकार द्वारा तय 8 से 8.5 प्रतिशत के अनुमान से कम है. मार्च में बेमौसमी वर्षा और ओलावृष्टि के बारे में रिजर्व बैंक ने समीक्षा में कहा है कि यह अभी समाप्त नहीं हुआ है. बैंक ने कहा है, ‘शुरुआती अनुमानों से संकेत मिलता है कि रबी के कुल बुआई क्षेत्रफल का 17 प्रतिशत क्षेत्र संभवत: इससे प्रभावित हुआ है, हालांकि, समग्र नुकसान का अनुमान लगना अभी बाकी है.’

खुदरा मुद्रास्फीति में सितंबर 2014 से व्यापक और धीमी गिरावट के चलते रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति लक्ष्य हासिल कर लेने की उम्मीद है. बहरहाल, अर्थव्यवस्था में लगातार कमजोरी, उत्पादन में काम आने वाले कच्चे माल की दबी लागत, विश्व बाजार में उपभोक्ता वस्तुओं विशेष तौर पर कच्चे तेल की कीमतों में अचानक तेजी आने और मानसून चाल बिगडने से इसमें जोखिम बना रहेगा.नयी मौद्रिक नीति समिति के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी रुपरेखा को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता से इसकी साख उल्लेखनीय रूप से बढ गयी है. क्योंकि इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार वित्तीय पक्ष और आपूर्ति बाधाओं को दूर करने का अपना काम करेगी जिससे कि मूल्य स्थिरता हासिल करने में मौद्रिक नीति पर दबाव कम होगा.

मौद्रिक नीति समिति के बारे में सरकार और रिजर्व बैंक ने फरवरी में एक औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं.आर्थिक वृद्धि के मुद्दे पर रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय साख्यिकी संगठन (सीएसओ) द्वारा राष्ट्रीय लेखा के हाल में किये गये उन्नयन से वित्त वर्ष 2014-15 की दूसरी छमाही के बाद से आर्थिक गतिविधियों में सुधार का संकेत मिलता है. इसमें कहा गया है, ‘विनिर्माण और सेवाओं के क्षेत्र में गतिविधियां बढने से वित्त वर्ष 2014-15 में घरेलू आर्थिक गतिविधियों में मजबूती आयी है.

हालांकि, इसमें कहा गया है कि इस बात के पक्के सबूत अभी कम हैं कि आर्थिक गतिविधियों में निश्चित रूप से उछाल आया है. रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि कृषि क्षेत्र से संबंधित दूसरे क्षेत्रों में गतिविधियां पहले की तरह मजबूत बने रहने की उम्मीद है, हालांकि यह देखने की बात है कि क्या इससे खाद्यान्न उत्पादन में आई कमी की पूरी तरह भरपाई हो सकेगी अथवा नहीं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें