रिलायंस की एमजे-1 खोज में 1,400 अरब घनफुट गैस भंडार का अनुमान
नयी दिल्ली : रिलायंस इंडस्टरीज लिमिटेड की कृष्णा गोदावरी बेसिन स्थित डी6 ब्लॉक में हुई उल्लेखनीय खोज एमजे-1 में 1,400 अरब घनफुट गैस भंडार होने का अनुमान है. यह मौटे तौर पर ब्लॉक के मुख्य गैस क्षेत्र स्थित भंडार का आधा है. रिलायंस की अल्पांश हिस्सेदार कनाडा की नीको रिसोर्सिज के अनुसार पूर्वी अपतटीय इलाके […]
नयी दिल्ली : रिलायंस इंडस्टरीज लिमिटेड की कृष्णा गोदावरी बेसिन स्थित डी6 ब्लॉक में हुई उल्लेखनीय खोज एमजे-1 में 1,400 अरब घनफुट गैस भंडार होने का अनुमान है. यह मौटे तौर पर ब्लॉक के मुख्य गैस क्षेत्र स्थित भंडार का आधा है. रिलायंस की अल्पांश हिस्सेदार कनाडा की नीको रिसोर्सिज के अनुसार पूर्वी अपतटीय इलाके केजी डी6 ब्लॉक के डी1 और डी3 ब्लॉक से भी 2,000 मीटर नीचे स्थित इस एमजे-1 ब्लॉक में निम्न अनुमान के मुताबिक 988 अरब घनफुट और उच्च अनुमान के मुताबिक 2,000 घनफुट के बीच गैस और संघनन होने का अनुमान है.
नीको ने डी6 ब्लॉक में हुई एमजे खोज भंडार के डेलायट एलएलपी द्वारा किये गये स्वतंत्र मूल्यांकन के हवाले से कहा है कि इसमें बेहतर स्थिति में 1,400 अरब घनफुट गैस का भंडार हो सकता है. गैस भंडार का यह अनुमान यदि सही साबित होता है तो यह क्षेत्र रिलायंस इंडस्टरीज के धीरभाई एक और तीन गैस क्षेत्र के बाद तीसरा सबसे बडा गैस क्षेत्र होगा. केजी डी6 बेसिन में डी1 और डी3 में अनुमान कम किये जाने के बाद भी 3,100 अरब घनफुट गैस भंडार होने का अनुमान है.
ये दोनों ही क्षेत्र पिछले छह साल से गैस उत्पादन कर रहे हैं. केजी बेसिन डी6 ब्लॉक में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ रिलायंस इसकी परिचालक है. क्षेत्र में अब तक कुल 19 खोज हुई हैं जिनमें से डी1 और डी3 में अप्रैल 2009 से और एमए तेल अथवा गैस क्षेत्र में सितंबर 2008 से उत्पादन हो रहा है. कनाडा की नीको रिसोर्सेज की क्षेत्र में 10 प्रतिशत और ब्रिटेन की बीपी पीएलसी की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
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