14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रघुराम राजन का दबाव, देश के बड़े बैंको SBI, HDFC& ICICI किये रेट कट, अब अन्‍य की बारी

मुंबई: रिजर्व बैंक की ओर से आज ब्याज दरों में कटौती के लिये दबाव बढाये जाने के बाद भारतीय स्टेट बैंक और निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक ने अपनी आधार दर में 0.15 से लेकर 0.25 प्रतिशत तक कटौती की. बैंकों के इस कदम से मकान, दुकान और वाहनों के लिये कर्ज सस्ता […]

मुंबई: रिजर्व बैंक की ओर से आज ब्याज दरों में कटौती के लिये दबाव बढाये जाने के बाद भारतीय स्टेट बैंक और निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक ने अपनी आधार दर में 0.15 से लेकर 0.25 प्रतिशत तक कटौती की.

बैंकों के इस कदम से मकान, दुकान और वाहनों के लिये कर्ज सस्ता होने का रास्ता खुल गया है. इन प्रमुख बैंकों के बाद दूसरे बैंक भी जल्द ही दरें घटा सकते हैं. इससे पहले, बेमौसम वर्षा से खाद्य पदार्थों के दाम पर असर पडने को लेकर चिंतित रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समीक्षा में अपनी नीतिगत ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया जिससे उद्योगों और ग्राहकों को निराशा हुई पर केंद्रीय बैंक ने बैंकों से पिछली कटौतियों का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिये दबाव बढा दिया था.

ब्याज दरों में कटौती नहीं करने के बैंकों के रख को देखते हुये रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने गहरी नाराजगी जताई जिसके बाद घंटेभर की अवधि में तीन प्रमुख बैंकों ने कर्ज की अपनी आधार दर में 0.15 से लेकर 0.25 प्रतिशत कटौती की घोषणा कर दी. स्टेट बैंक ने 10 अप्रैल से अपनी आधार दर 0.15 प्रतिशत घटाकर 9.85 प्रतिशत करने की घोषणा की जबकि आईसीआईसी बैंक ने आधार दर 0.25 प्रतिशत घटाकर 9.75 प्रतिशत कर दी.

राजन ने आज वर्ष 2015-16 की पहली द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुये बैंकों द्वारा धन की लागत उंची होने के चलते ब्याज दरें नहीं घटाने के तर्क को ‘बेतुका’ बताया. उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के दबाव और नकदी की अच्छी स्थिति को देखते हुए उन्हें ब्याज कम करना ही पडेगा, पर वे जितना जल्दी ऐसा करेंगे, अर्थव्यवस्था के लिए उतना ही अच्छा होगा.

गौरतलब है कि आज ही आरबीआइ ने अपनी उदार नीतिगत पहल के मुतबिक ऋणों पर ब्याज दर में कमी करने के लिए बैंकों पर दबाव बनाया और कहा कि ऐसा जितनी जल्दी होगा अर्थव्यवस्था के लिए उतना ही अच्छा होगा. आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन ने चालू वित्त वर्ष की पहली द्वैमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा ‘नीतिगत दर में कटौती का अब तक ब्याज दरों पर बहुत कम असर हुआ है.’ हम इसका असर फैलने का इंतजार कर रहे हैं. मुझे इसके होने में कोई संदेह नहीं है. पर यदि ऐसा जल्दी होता है तो यह अर्थव्यवस्था के बेहतर होगा.’

हालांकि आरबीआइ ने जनवरी से अब तक दो बार में मुख्य दरों में 0.50 प्रतिशत की कटौती की है लेकिन बैंकों ने मुख्य दरों में कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को नहीं दिया है. राजन ने आज अपनी नीतिगत दरों को पिछले स्तर पर बरकार रखा लेकिन उम्‍मीद जतायी कि प्रतिस्पर्धा के दबाव और धन की सहज स्थिति के चलते बैंक अपना कर्ज सस्ता करेंगे.

रघुराम राजन ने कहा था कि नकदी की आरामदेह स्थिति के मद्देनजर बैंकों को नीतिगत दरों में हालिया कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को देना चाहिए जिससे ताकि अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए ऋण की स्थिति में सुधार हो. आरबीआइ ने कहा कि वह आगे भी उदार मौद्रिक नीति बरकरार रखेगा. नीति में कहा गया कि रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में पहले की गयी कटौती के प्रभाव में बैंकों की ब्याज दरों में कटौती का इंतजार करेगा.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें