रिजर्व बैंक ने बीमा कानून को किया अधिसूचित, जानिए नये बीमा कानून में क्या है आपके फायदे की बात?

मुंबई : रिजर्व बैंक ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 26 प्रतिशत से बढा कर 49 प्रतिशत करने के सरकार के फैसले व नये कानून के संदर्भ में बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी. रिजर्व बैंक ने इसे अधिसूचित करते हुए अपने बयान में कहा कि बीमा क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष विदेशी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2015 2:22 PM
मुंबई : रिजर्व बैंक ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 26 प्रतिशत से बढा कर 49 प्रतिशत करने के सरकार के फैसले व नये कानून के संदर्भ में बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी. रिजर्व बैंक ने इसे अधिसूचित करते हुए अपने बयान में कहा कि बीमा क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मौजूदा नीति की समीक्षा के बाद इसे और उदार बनाया गया है. रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि प्रत्येक भारतीय बीमा कंपनी का स्वामित्व हमारे देश में रह रहे भारतीय लोगों के ही पास रहेगा. यानी इसमें विदेशी कंपनियों या लोगों के वर्चस्व की आशंका को एक तरह से रिजर्व बैंक ने खारिज कर दिया है.
इस फैसले के बाद आने वाले महीनों व सालों में उपभोक्ताओं के लिए बीमा लेने के अधिक विकल्प होंगे. विदेशी निवेश बढने से प्रतियोगिता भी बढेगी और इससे कंपनियां आम लोगों के लिए सस्ते बीमा प्रोडेक्ट लांच करेंगी. यह हमारे आपके लिए लाभदायक होगा. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि नये बीमा कानून के क्या अहम नियम कानून हैं, जो हमारे आपके लिए लाभकारी होंगे. अगर आपको इसकी जानकारी होगी तो आपको अपने हितों से समझौता नहीं करना होगा. नये बीमा कानून के अहम तथ्य इस प्रकार हैं :
1. आमतौर पर अबतक होता यह रहा है कि बीमा करवाये व्यक्ति की असमय मृत्यु होने या अन्य स्थितियों कई बार नॉमिनी के नाम को लेकर स्पष्टता नहीं होने की स्थिति में कंपनियां बीमा क्लेम देने में आनाकानी व विलंब करती थीं. कई बार परिवार वाले मुकदमेबाजी में उलझ जाते थे और लंबी कानूनी कार्रवाई चलती थी. लेकिन, अब उसमें स्पष्टता आ गयी है. अब नये कानून के अनुसार, उसमें अधिक विलंब नहीं किया जा सकेगा.
अब नॉमिनी को सिर्फ यह अधिकार था कि वह रकम हासिल करे और उसे कानूनी वारिस को प्रदान करे या उसमें बांटे. लेकिन, अब उन्हें बीमा राशि प्राप्त करने का कानूनी अधिकार होगा.
2. नये कानून के अनुसार, कंपनी ही बीमा एजेंट की गलती या आचार संहिता के उल्लंघन के लिए जिम्मेवार होगा. उसका दोष बीमा लेने वाले पर नहीं मढा जायेगा. अब आप एजेंट द्वारा दी गयी भ्रामक जानकारी के लिए कंपनी को जिम्मेवार ठहरा सकते हैं. इससे कंपनियां इस मामले में सख्ती बरतेंगी कि उनके एजेंट ग्राहकों को भ्रामक नहीं सटिक जानकारी ही दें, नहीं तो उसे ही लेनी का देनी पडेगा.
3. किसी भी समस्या की स्थिति में पॉलिसी जारी होने के तीन साल बाद दावे को अब नहीं ठुकराया जायेगा. पूर्व के कानून में यह अवधि दो साल थी. अब बीमा कंपनी को सभी दावे चाहे वे धोखाधडी से संबंधित हों या अन्य तरह के उसे तीन साल बाद भी निबटाना होगा.
4. नये कानून में स्वास्थ्य बीमा के लिए अधिक विकल्प होंगे. गैर जीवन स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को हेल्थ इंश्योरेंस के लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा. प्रतियोगिता बढने से बेहतर उत्पाद उपलब्ध होगे.
5. अगर बीमा कंपनियों इरडा के नियमों का उल्लंघन करेंगी, तो उन्हें एक करोड रुपये तक की सीमा के लिए प्रति दिन के हिसाब से एक लाख रुपये का जुर्माना चुकाना पड सकता है. पहले यह प्रत्येक नियम उल्लंघन पर पांच लाख रुपये तक सीमित था. अधिक जुर्माना तय किये जाने से कंपनियां अपनी कार्य पद्धति को सुधारेंगी. वे बिक्री के पहले व बाद की प्रक्रिया को अधिक सरल बनायेंगी. शिकायतों का निबटान व दस्तावेज को भेजने की प्रक्रिया उन्हें ज्यादा अच्छी बनानी होगी.
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी सरकार की जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत अब मात्र 330 रुपये के प्रीमियम पर कोई व्यक्ति दो लाख रुपये का बीमा करा सकता है. इसके लिए पहला करार देना बैंक और एलआइसी के बीच हुआ है. यानी सरकार बीमा को अधिक लुभावनी और हर आदमी के पहुंच के दायरे में लाना चाहती है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version