नरेंद्र मोदी ने ”मेक इन इंडिया” पहल की पेशकश के साथ फ्रांस के उद्यमियों को दिया न्योता
पेरिस : फ्रांस ने आज भारत को संकट से घिरी वैश्विक अर्थव्यवस्था में उम्मीद की किरण बताया है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी ‘मेक इन इंडिया’ पहल के जरिये फ्रांस की शीर्ष कंपनियों को देश में विशेष रूप से रक्षा व बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश का न्योता दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद […]
पेरिस : फ्रांस ने आज भारत को संकट से घिरी वैश्विक अर्थव्यवस्था में उम्मीद की किरण बताया है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी ‘मेक इन इंडिया’ पहल के जरिये फ्रांस की शीर्ष कंपनियों को देश में विशेष रूप से रक्षा व बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश का न्योता दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने यहां संवाददाताओं से फ्रांसीसी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ मोदी की एक के बाद एक दो बैठकों का ब्योरा देते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कहा है कि वह रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को सबसे अधिक महत्व देते हैं. फ्रांसीसी कंपनियां इसमें योगदान कर सकती हैं.’
अपनी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में मोदी चार दिन की फ्रांस की यात्रा पर आए हैं. उन्होंने इस अवसर का इस्तेमाल फ्रांसीसी निवेशकों को भारत में परियोजनाओं में शामिल होने को आकर्षित करने के लिए किया. उनकी फ्रांसीसी निवेशकों के साथ बैठक हुई. इस बैठक में फ्रांस के विदेश मंत्री लॉरेंट फेबियस भी शामिल हुए. अकबरद्दीन ने फेबियस का हवाला देते हुए कहा, ‘भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में उम्मीद की किरण है.’
मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक में जिन विषयों पर विचार विमर्श किया गया, उनमें बुनियादी ढांचा क्षेत्र शामिल है. बैठक में इस बात पर विचार हुआ कि किस तरीके से फ्रांसीसी कंपनियां स्मार्ट शहरों के विकास में भागीदारी कर सकती है, कैसे परिवहन क्षेत्र के उन्नयन विशेष रूप से रेलवे व कचरा प्रबंधन में सहयोग कर सकती हैं. प्रधानमंत्री ने फ्रांस के सबसे बडे उद्योग चैंबर मूवमेंट आफ दर एंटरप्राइजेज आफ फ्रांस (एमइडीइएफ) के कारोबारी नेताओं के समक्ष उनकी सरकार द्वारा पिछले 10 माह में की गई नीतिगत पहलों की जानकारी दी.
इस चैंबर के 7,50,000 सदस्य हैं. मेक इन इंडिया पहल से महाराष्ट्र में जैतापुर परमाणु संयंत्र पर गतिरोध को समाप्त करने में मदद मिल सकती है. इससे पहले दिन में भारत ने उम्मीद जतायी कि महाराष्ट्र के जैतापुर में फांसीसी परमाणु रिएक्टर लगाने के प्रस्ताव के साथ राफेल लडाकू विमान सौदे के मामले में चीजें आगे बढेंगी. दोनों मामले लंबे समय से अटके पडे हैं. इस मुद्दे पर अकबरुद्दीन ने कहा कि इस तरह के सुझाव है कि परमाणु संयंत्र से जुडी कुछ चीजों का निर्माण भारत में किया जाए जिससे लागत में कमी लायी जा सके.
इसके अलावा उत्पादित बिजली के मूल्य का मामला सुलझाया जाए. जैतापुर परियोजना के तहत फ्रांस की कंपनी अरेवा को 10,000 मेगावाट उत्पादन क्षमता के छह परमाणु रिएक्टर लगाने हैं. परियोजना से बनने वाली बिजली की लागत को लेकर मतभेद की वजह से यह मामला अटका पडा है. इसी प्रकार, कीमत को लेकर मतभेद की वजह से 126 राफेल लडाकू विमान का मामला भी फंसा पडा है.
पहले चरण की यात्रा पूरी करने के बाद प्रधानमंत्री जर्मनी जाएंगे. वहां मुख्य रूप से वह कारोबार व प्रौद्योगिकी क्षेत्र पर बातचीत करेंगे. इसका मकसद मेक इन इंडिया अभियान में वहां की कंपनियों को भागीदारी के लिए आकर्षित करना है. अपनी यात्रा के तीसरे चरण में मोदी कनाडा जाएंगे. यह 42 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय कनाडा यात्रा होगी.
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