भारत के लिए आगे की राह कठिन: रेटिंग एजेंसी

नयी दिल्ली : वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टेंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) ने आज कहा कि भारत सहित उन अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष निकट भविष्य में और अधिक आर्थिक दिक्कतें आ सकती हैं जो बड़े घाटे में हैं. एसएंडपी ने एक रपट में यह निष्कर्ष निकाला है. इसके अनुसार, निकट भविष्य में रास्त चुनौतियों से भरा हो सकता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2013 4:37 PM

नयी दिल्ली : वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टेंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) ने आज कहा कि भारत सहित उन अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष निकट भविष्य में और अधिक आर्थिक दिक्कतें आ सकती हैं जो बड़े घाटे में हैं.

एसएंडपी ने एक रपट में यह निष्कर्ष निकाला है. इसके अनुसार, निकट भविष्य में रास्त चुनौतियों से भरा हो सकता है विशेष भारत तथा इंडोनेशिया जैसी बडे घाटे वाली अर्थव्यवस्थाओं के लिए. हमें नहीं लगता कि यह एक बार फिर एशियाई संकट है.यह रपट दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष वृद्धि तथा बाह्य वित्तपोषण जोखिमों को लेकर है.

इसमें कहा गया है कि सामान्य समय में उंचे चालू खाते के घाटे (कैड) तथा उंची बचत वाले देशों को हो सकता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार से उधारी लेने में दिक्कत नहीं हो. लेकिन जब बाजार जोखिम भरे हों तो कैड वाली अर्थव्यवस्थाओं को बाह्य वित्तपोषण दबावझेलना पड़ सकता है.

भारत का कैड 2012-13 में बढ़कर जीडीपी का 4.8 प्रतिशत हो गया. सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में इसे घटाकर जीडीपी का 3.7 प्रतिशत या 70 अरब डालर करने का लक्ष्य रखा है.

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