दोहा : विदेशों में जमा कालाधन वापस लाने के लिहाज से एक अहम कदम के बीच आज संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में धनशोधन, अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और साइबर अपराध की समस्याओं से मुकाबले के लिए वैश्विक सहयोग को बढावा देने के भारत के सुझावों का समर्थन किया गया. यहां आयोजित 13वें ‘यूएन कांग्रेस ऑन क्राइम प्रीवेंशन एंड क्रिमिनल जस्टिस’ में दोहा घोषणापत्र को स्वीकार किया गया.
भारत सरकार द्वारा हाल में समूह 20 सहित विभिन्न मंचों पर कालेधन के बारे में जतायी गयी चिंता को घोषणापत्र के एक उपबंध में प्रमुखता से स्थान दिया गया है. घोषणापत्र में धन शोधन रोकने और इसका मुकाबला करने के लिए प्रभावी प्रक्रिया को मजबूत बनाने पर सहमति जतायी गयी है. इसके अलावा पराअध से अर्जित संपत्ति कीपहचानबरामदगी, जब्ती, उस पर रोक लगाए जाने के लिए उपाय बढाने का भी जिक्र किया गया है.
बातचीत से जुडे करीबी सूत्रों ने कहा कि यह मुख्य उपबंध नयी दिल्ली के जोर देने पर दोहा घोषणापत्र में शामिल किया गया. विधि एवं न्याय मंत्री डी वी सदानंद गौडा इस बैठक में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने काले धन के संबंध में संसद में एक विधेयक पेश किया है तथा इसे हासिल करने में सफलता के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहयोग की जरुरत होगी, खासकर उन देशों से जहां ऐसे धन छिपाये गये हैं.
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