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अगले वित्‍तीय वर्ष में चीन को भी पछाड़ देगी भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था

नयी दिल्‍ली : अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) और विश्‍व बैंक ने अपनी अलग-अलग रिपोर्ट में वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में भारत के जीडीपी ग्रोथ का अनुमान उम्‍मीद से ज्‍यादा लगाया है. आईएमएफ ने 7.5 फीसदी होने का अनुमान लगाया है. यह अनुमान अगर सही साबित होता है भारत विश्‍व की तेजी से बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था वाले देशों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 15, 2015 12:18 PM
नयी दिल्‍ली : अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) और विश्‍व बैंक ने अपनी अलग-अलग रिपोर्ट में वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में भारत के जीडीपी ग्रोथ का अनुमान उम्‍मीद से ज्‍यादा लगाया है. आईएमएफ ने 7.5 फीसदी होने का अनुमान लगाया है. यह अनुमान अगर सही साबित होता है भारत विश्‍व की तेजी से बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था वाले देशों में शुमार हो जाएगा. उम्‍मीद जतायी जा रही है कि इससे भारत की विकास दर चीन से भी अधिक हो जाएगी.
हलांकि आइएमएफ द्वारा किया गया यह अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक और वित्‍त मंत्रालय के इस वर्ष के विकास दर के अनुमान से कम ही है. रिजर्व बैंक ने विकास दर में इस वर्ष 8 से 8.5 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान लगाया था.
रिफार्म में कड़े नियमों के करण हो सकती है अर्थव्‍यवस्था में वृद्धि
माना जा रहा है कि रिफार्म को लेकर मौजूदा सरकार के कड़े नियमों को देखते हुए आइएमएफ ने इस वित्‍तीय वर्ष में विकास दर में वृद्धि का अनुमान लगाया है. वहीं निवेश में वद्धि और कच्‍चे तेलों के दामों में गिरावट को देखते हुए वर्ल्‍ड बैंक ने भी इस वित्‍तीय वर्ष में 7.9 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान लगाया था.
चीन से आगे बढ़ सकती हैभारतीयअर्थव्‍यवस्था
आइएमएफ के द्वारा किये गया यह पूर्वानुमान भारत के पक्ष में है. विकास दर में वद्धि से महंगाई कम हो सकती है वहीं रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं. इसके अलावा शुरुआत से ही पड़ोसी देश चीन से होने वाली भारत की तुलना से इस बार भारतीय खुश हो सकते हैं क्‍योंकि भारत के मात्र दो लाख करोड़ की छोटी सी अर्थव्‍यव्‍स्‍था चीन के पांच गुणा बड़े (10 लाख करोड़)अर्थव्‍यवस्‍थाको पछाड़ सकती है.
यह आंकड़ा कल आईएमएफ और वर्ल्‍ड बैंक ने जारी किया था. 2015 में आईएमएफ ने चीन की विकास दर 6.8 फीसदी होने का अनुमान लगाया है. वहीं 2016 में इसे घटकर 6.3 फीसदी होने की बात कही थी. वहीं वर्ल्‍ड बैंक का कहना है कि चीनकी विकास दर अगले दो साल में 7 फीसदी होगी.

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