हैनोवर : भारत में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को आकर्षित करने की बहुत संभावना है लेकिन इसके लिए कारोबार में सुगमता बढ़ानी होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रिफार्म योजना से उम्मीदें रखते हुए यह बात भारत-जर्मन चेंबर आफ कामर्स (आइजीसीसी) ने कही है.
चेंबर के महानिदेशक बर्नहार्ड स्टीनर्यूक ने मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम की प्रशंसा की और कहा कि जर्मनी की कंपनियां भारत के बारे में बहुत आशावादी हैं. उन्होंने कहा ‘यह बहुत अच्छा अभियान है. भारत को विनिर्माण की जरूरत है.
दूसरी ओर जर्मनी संभवत: विनिर्माण में सर्वश्रेष्ठ है. इसलिए यह दोनों के लिए अच्छा है.’ ड्यूश बैंक के पूर्व महाप्रबंधक स्टीनर्यूक ने कहा कि भारत में बहुत संभावना है क्योंकि यहां वृद्धि दर एवं एक बाजार है और जो भी अंतरराष्ट्रीय उद्योग का हिस्सा बनना चाहता है. उसे भारत में होना होगा.
साथ ही उन्होंने कहा कि कारोबार सुगमता वाले जगहों की सूची में भारत का स्थान अभी भी सही पायदान पर नहीं है और इसमें बहुत सुधार की जरूरत है.उन्होंने कहा कि यह संभव है और प्रधानमंत्री मोदी की प्रक्रिया आसान बनाने की कोशिश बहुत महत्वपूर्ण है. यदि सरकार ऐसा कर रही है तो हालात सुधरेंगे.
नियमों के बारे में पूछने पर स्टीनर्यूक ने कहा कि जिसने भी भारतीय प्रणाली को नजदीक से देखा है वह कह सकता है कि यह हमेशा बेहतर हो सकती है. भारत में कराधान के संबंध में उन्होंने कहा ‘यह जटिल है लेकिन कराधान प्रक्रिया पूरे विश्व में जटिल है. जर्मनी में भी यह जटिल है.’
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.