मार्क जुकरबर्ग ने Internet.org का किया बचाव , कहा हम नेट न्यूट्रलिटी की नहीं करते अवहेलना

फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने आज अपने फेसबुक एकाउंट से एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने भारत में नेट न्यूट्रलिटी पर बात की है. गौरतलब है कि मार्क जुकरबर्ग ने यह पोस्ट तब किया है, जब भारत में नेट न्यूट्रलिटी को लेकर बहस तेज हो गयी है. कई साइटें इंटरनेट.ओआरजी से खुद को अलग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2015 2:05 PM

फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने आज अपने फेसबुक एकाउंट से एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने भारत में नेट न्यूट्रलिटी पर बात की है. गौरतलब है कि मार्क जुकरबर्ग ने यह पोस्ट तब किया है, जब भारत में नेट न्यूट्रलिटी को लेकर बहस तेज हो गयी है. कई साइटें इंटरनेट.ओआरजी से खुद को अलग कर रही हैं. ऐसे में मार्क ने इंटरनेट.ओआरजी की महत्ता बतायी है और लोगों से सहयोग की अपील की है, ताकि विश्व के कोने-कोने तक इंटरनेट कनेक्टिविटी को पहुंचाया जा सके . उन्होंने इस पोस्ट में भारत में अपने अनुभव को भी साझा किया है.

मार्क जुकरबर्ग ने पोस्ट में लिखा है, पिछले कुछ समय से भारत में इंटरनेट.ओआरजी और नेट न्यूट्रलिटी पर काफी कुछ लिखा जा रहा है. मैं इन मुद्दों पर अपनी स्थिति साफ कर देना चाहता हूं. सबसे पहले तो मैं आपके साथ एक स्टोरी शेयर करना चाहता हूं. पिछले वर्ष मैंने उत्तर भारत के एक छोटे से गांव चंदौली का दौरा किया था. यह गांव कुछ समय पहले ही इंटरनेट से जुड़ा था.उस गांव के एक स्कूल के की कक्षा में मुझे कुछ विद्यार्थियों से बातचीत करने का मौका मिला, जो यह सीख रहे थे कि किस तरह इंटरनेट को यूज करना है.

मेरे लिए यह अविश्वसनीय अनुभव था कि उस कक्षा में कोई एक विद्यार्थी ऐसा हो सकता है, जिसके पास कोई ऐसा बड़ा आइडिया हो, जो पूरी दुनिया को बदल कर रख देगा- और यह सब कुछ संभव होगा इंटरनेट की बदौलत. आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए इंटरनेट एक ताकतवर उपकरण हो सकता है, जिसके जरिये लोग अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं और अपने लिए काम और मौका ढूंढ़ सकते हैं. इंटरनेट हमारे समाज में उन लोगों की आवाज बन गया है, जो मूक थे. इंटरनेट लोगों को जोड़ रहा है और उन्हें स्वास्थ्य और शिक्षा के कई स्रोत उपलब्ध करा रहा है. मैं यह मानता हूं कि इस दुनिया में हर किसी को अपने मौके तक पहुंचने का अवसर मिलना चाहिए.

इंटरनेट से जुड़ने के लिए कई देशों में अभी भी कई बड़ी सामाजिक और आर्थिक बाधाएं हैं. कइयों के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी सामर्थ्य से बाहर की बात है, तो कई लोग ऐसे भी हैं, जो इसके महत्व को नहीं समझते हैं. महिलाओं और गरीबों को इस कनेक्टिविटी से अलग रखा गया है.यही वे कारण हैं, जिनके कारण हमने इंटरनेट. ओआरजी को क्रियेट किया, हमारा प्रयास है कि हम पूरी दुनिया को इंटरनेट से कनेक्ट कर सकें.विभिन्न देशों में हमने सरकार और मोबाइल ऑपरेटर्स के साथ साझेदारी करके इंटरनेट.ओआरजी की फ्री सर्विस स्थानीय भाषा में उपलब्ध करायी.

इंटरनेट. ओआरजी जॉब, हेल्थ और शिक्षा के क्षेत्र में कम दर पर जानकारियां उपलब्ध करा रहा है और इंटरनेट के महत्व को स्थापित कर रहा है. हमारी कोशिश यह है कि हम दुनिया में हर किसी को मौका दें. हमने काफी प्रगति की है और नौ देशों में आठ सौ मिलियन लोगों को बुनियादी सर्विस उपलब्ध मुफ्त उपलब्ध करायी है. रिलायंस के साथ मिलकर हमने भारत के तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल और तेलंगाना में मुफ्त सर्विस दी. हम अपनी इस प्रगति पर गर्व करते हैं.

लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो हमारे कार्यों की निंदा कर रहे हैं और यह आरोप लगा रहे है कि हम कुछ सर्विस नेट न्यूट्रलिटी के सिद्धांतों को दरकिनार करके उपलब्ध करा रहे हैं. मैं इन आरोपों से सहमत नहीं हूं और पूरी ताकत से इसका विरोध करता हूं. मैं नेट न्यूट्रलिटी का समर्थक हूं. मैं इंटरनेट को खुला रखना चाहता हूं. नेट न्यूट्रलिटी यह सुनिश्चित करती है कि नेटवर्क ऑपरेटर्स बिना किसी भेदभाव के सर्विस उपलब्ध करायें. खुले इंटरनेट के लिए यह आवश्यक है और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं. लेकिन नेट न्यूट्रलिटी इसलिए विवादों में नहीं है क्योंकि यह ज्यादा लोगों के साथ काम कर रहा है.

इंटरनेट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए यह आवश्यक है कि कुछ सर्विस को मुफ्त दिया जाये. अगर कोई कनेक्ट होना अफोर्ड नहीं कर सकता है, तो यह जरूरी है कि वह कुछ तो मुफ्त पा ले. इंटरनेट. ओआरजी ने किसी सर्विस को न तो ब्लॉक किया और न ही किसी को दबाने की कोशिश की है. हमने सभी मोबाइल ऑपरेटर के लिए रास्ते खुले रखे हैं हमने किसी के लिए रास्ते बंद नहीं किये हैं. हमारे पास मौका है कि हम विश्व के करोड़ों लोगों को इंटरनेट से कनेक्ट करें और इसके लिए हमें साथ मिलकर काम करना होगा, तभी यह सबकुछ संभव हो पायेगा.

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