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प्रत्यक्ष कर संहिता लाने की प्रक्रिया जारी : पार्थसारथी सोम

चेन्नई: प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) पर काम जारी है. सरकार ने अब उद्योगों की तरफ से मिली प्रतिक्रिया को शामिल करते हुये एक मसौदा तैयार किया है जिसे विभिन्न मंत्रालयों में जांचा परखा जा रहा है. वित्त मंत्री के सलाहकार पार्थसारथी सोम ने आज यह बात कही. सोम ने आज यहां कहा, प्रत्यक्ष कर संहिता […]

चेन्नई: प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) पर काम जारी है. सरकार ने अब उद्योगों की तरफ से मिली प्रतिक्रिया को शामिल करते हुये एक मसौदा तैयार किया है जिसे विभिन्न मंत्रालयों में जांचा परखा जा रहा है. वित्त मंत्री के सलाहकार पार्थसारथी सोम ने आज यह बात कही.

सोम ने आज यहां कहा, प्रत्यक्ष कर संहिता पर 2007.08 से काम जारी है, इसे 2009 में इंटरनेट पर डाल (रिपीट डाल) दिया गया था. उद्योगों, वाणिज्य मंडलों और दूसरे संगठनों से प्राप्त टिप्पणियों को समायोजित करते हुये बाद में इसे प्रत्यक्ष कर संहिता 2010 में परिवर्तित कर दिया गया. मद्रास चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्टरी द्वारा यहां आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद सोम ने कहा, वित्त मंत्रलय के दिशानिर्देश में काम करते हुये हमने संसदीय समिति के सुझावों पर काम किया और अब हमने प्रत्यक्ष कर संहिता का मसौदा तैयार कर लिया है जिसका दूसरे मंत्रलयों द्वारा परीक्षण किया जा रहा है. उन्होंने कहा, डीटीसी को लेकर कई तरह की बातें की जा रही हैं, कि इसका क्या हुआ.

वास्तविकता यह है कि प्रक्रिया जारी है, दूसरे मंत्रलयों को भी हमें समय देना है. जब यह काम हो जायेगा तो उम्मीद है कि किसी समय यह संसद में आ जायेगा. वस्तु एवं सेवाकर :जीएसटी: के बारे में उन्होंने कहा कि इसपर विभिन्न उद्योगों के साथ काफी चर्चा हो चुकी है और अंत में जीएसटी के लिये संवैधानिक संशोधन विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया गया है. इसमें जीएसटी के सामान्य प्रावधान होंगे. इसका क्या ढांचा होगा, कैसी रुपरेखा होगी, इस पर काम किया जा रहा है. केंद्र सरकार इसको लेकर तैयार है. इसे वापस राज्यों के वित्त मंत्रियों की प्राधिकृत समिति के पास भेजा जायेगा और उसके बाद उम्मीद है कि इसे संसद में पेश कर दिया जायेगा.

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