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मुंबई को वैश्विक निवेश का केंद्र बनाने का प्रयास कर रहे हैं देवेंद्र फडणवीस

तेल अवीव : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस का कहना है कि राज्य सरकार ने इस्राइली निवेश को आकर्षित करने के प्रयास के तहत मुंबई को एक वैश्विक आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित करने की पहल शुरू कर दी है. तेल अवीव यूनिवर्सिटी में मेक इन महाराष्ट्र के लिए भारत-इस्राइल सहयोग विषय पर कल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 28, 2015 10:21 AM

तेल अवीव : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस का कहना है कि राज्य सरकार ने इस्राइली निवेश को आकर्षित करने के प्रयास के तहत मुंबई को एक वैश्विक आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित करने की पहल शुरू कर दी है. तेल अवीव यूनिवर्सिटी में मेक इन महाराष्ट्र के लिए भारत-इस्राइल सहयोग विषय पर कल आयोजित एक संगोष्ठी में फडणवीस ने महाराष्ट्र को ‘भारत का पावरहाउस’ बताया.

फडणवीस ने कहा, ‘मुंबई भारत की आर्थिक राजधानी है लेकिन इसमें विश्व की आर्थिक राजधानी बनने की क्षमता है और हमारी सरकार ने मुंबई को वैश्विक आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित करने की पहल शुरू कर दी है.’ उन्होंने कहा, ‘मुंबई का टाइम जोन विश्व के सभी बडे पूंजी बाजारों के समय के अनुरुप है. वैश्विक मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की महाराष्ट्र के मुंबई में मौजूदगी है.’ उन्होंने कहा, ‘हम वैश्विक कोष प्रबंधकों की मेजबानी के लिए कारोबारी क्षेत्र मुंबई में अतुलनीय संरचनाओं का निर्माण कर रहे हैं.’

मुख्यमंत्री के भाषण से पहले महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआइडीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने महाराष्ट्र में निवेश के लाभों को रेखांकित किया. इन लाभों में उन्होंने पर्याप्त औद्योगिक जमीन, विद्युत आपूर्ति, संपर्क, जल संसाधनों, अवसंरचना आदि की उपलब्धता को रेखांकित किया.

उन्होंने कहा, ‘एमआइडीसी हर निवेशक को एक ऐसा समर्पित व्यक्ति उपलब्ध करवाता है, जो कि निवेशक के लिए हर काम करता है ताकि निवेशक को यहां से वहां भागदौड न करनी पडे. मेरी सरकार ने ऐसे कई निर्णय लिए हैं, जिनसे कई उद्योगों को लाभ पहुंचा है.’ नरेंद्र मोदी की सरकार के नेतृत्व में भारत में ‘लाल फीताशाही (रेड टेपिज्म) से सुविधाओं की सौगात (रेड कारपेट) तक के सुधार का दावा करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने इस्राइली उद्योग जगत को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित करने का प्रयास किया.

और अधिक निवेश आकर्षित करने के प्रयास के तहत उन्होंने दावा किया, ‘जब महाराष्ट्र विकास करता है, भारत भी अच्छी गति के साथ अच्छे स्तर पर विकास करता है. महाराष्ट्र राष्ट्रीय जीडीपी में लगभग 15 प्रतिशत का योगदान करता है. भारत के पूरे निर्यात में इसका 30 प्रतिशत का योगदान है. भारत में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में भी इसका 30 प्रतिशत का योगदान है.’

फडणवीस ने इस्राइल की स्थानीय अर्थव्यवस्था के विकास में वहां के विश्वविद्यालयों द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया. उन्होंने ‘ज्ञान के प्रसार’ में मदद कर सकने वाले भारतीय और इस्राइली विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग का आह्वान भी किया. फडणवीस तेल अवीव यूनिवर्सिटी और महाराष्ट्र के नरसी मोंजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान भी मौजूद थे. यह करार दोनों संस्थानों के बीच छात्रों और शोधकर्ताओं के आदान-प्रदान के लिए किया गया है.

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