पेंशन योजना को मिली कैबिनेट की मंजूरी, 20 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा फायदा
नयी दिल्ली : सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) के तहत पेंशनभोगियों को न्यूनतम 1,000 रुपये मासिक की पेंशन देने की योजना को आज स्थायी रूप से मंजूर कर दिया. इससे 20 लाख लोगों को फायदा होगा. अभी यह योजना पिछले माह तक प्रभावी थी. इसे हमेशा के लिए लागू करने का फैसला आज […]
नयी दिल्ली : सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) के तहत पेंशनभोगियों को न्यूनतम 1,000 रुपये मासिक की पेंशन देने की योजना को आज स्थायी रूप से मंजूर कर दिया. इससे 20 लाख लोगों को फायदा होगा. अभी यह योजना पिछले माह तक प्रभावी थी. इसे हमेशा के लिए लागू करने का फैसला आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया.
बैठक के बाद आज जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता मे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (इपीएस) के तहत न्यूनतम 1,000 रुपये मासिक पेंशन योजना को 2014-15 से आगे निरंतर जारी रखने को मंजूरी प्रदान की. अभी यह योजना केवल मार्च-2015 तक प्रभावी थी.’
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) ने पहली अप्रैल से इस योजना को निलंबित कर रखा था, क्योंकि उसे इस योजना को 31 मार्च से आगे जारी रखने के विषय में कोई निर्देश नहीं मिला था. यह योजना पिछले साल सितंबर में शुरू की गयी थी और इसमें न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये मासिक सुनिश्चित की गयी थी. इससे पहले बहुत से कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद 1,000 से भी कम पेंशन मिल रही थी.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि न्यूनतम 1,000 रुपये पेंशन की यह योजना संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद एक सार्थक जीविका उपलब्ध कराने के लिए लागू की गयी है. मौजूदा प्रस्ताव से इपीएस-1995 से जुडे 20 लाख लोगों पेंशनभोगियों को फायदा होगा. मंत्रिमंडल ने इसके लिए बजट से आवश्यक अनुदान जारी किये जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है. यह अनुदान लगभग 850 करोड रुपये सालाना होगा और धीरे-धीरे घटेगा.
इस योजना में कम पेंशन मिलने का एक कारण यह था कि इसमें पेंशन राशि की गणना पेंशनयोग्य सेवाकाल और आखिर के 60 माह के वेतन के आधार पर तय किया जाता था. इनमें से किसी के भी कम होने पर पेंशन कम बनती थी. इसमें अब 1971 की पारिवारिक पेंशन योजना के सदस्यों को पिछली सेवा का लाभ दिया गया है.
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