नयी दिल्ली :वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार कालाधन विधेयक पर संसद में अगले सप्ताह बहस कराएगी. इस विधेयक का उद्देश्य भारतीयों द्वारा विदेशों में जमा कराये गये कालेधन और संपत्तियों की बीमारी से प्रभावी ढंग से निपटना है. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा यहां ‘प्रवर्तन दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, ‘मैं विदेशों में जमा अघोषित धन संपत्ति पर कराधान संबंधी विधेयक को अगले सप्ताह संसद में बहस कराने के लिए रखना चाहता हूं.’
गौरतलब है कि सरकार ने अघोषित विदेशी आय एवं संपत्ति (कराधान)विधेयक, 2015 को मार्च में पेश किया था. इसमें कुसूरवार लोगों पर भारी जुर्माने और 10 साल तक की कैद की सजा का प्रावधान है. इसमें लोगों को अपनी ऐसी संपत्ति और आय की घोषणा कर समुचित कर और दंड चुकाकर कार्रवाई से बचने के लिए थोडा समय भी दिया जाएगा. जेटली ने कहा कि सरकार ने विदेशों में चोरी छुपे जमा करायी गयी धन संपत्ति का पता लगाने के लिए कार्रवाई की है.
‘ऐसे बहुत से मामले हैं जिनमें पिछले कुछ महीनों में आरोपियों के खिलाफ मुकदमे दाखिल किये गये हैं. ऐसे सैकडों मामलों में आकलन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. कर विभाग 121 मामले दर्ज कर चुका है.’ जी-20 के सदस्य देशों सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा कालेधन से निपटने के लिए कई उपाय किये जा रहे हैं जिससे आने वाले वर्षों में लोगों के लिए कालाधन छिपाना मुश्किल हो जाएगा.
जेटली ने कहा कि धन के लेनदेन की सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान की व्यवस्था के लिए जी-20 की पहल में बडी संख्या में देश रुचि ले रहे हैं. उनमें भारत सबसे आगे है. उन्होंने कहा, ‘लक्ष्य है कि वर्ष 2017 तक यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे सभी लेनदेन पारदर्शी तरीके से हो. प्रत्येक देश लीक से हटकर हमारा सहयोग करेंगे. वर्ष 2017 तक हम ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं जिसमें किसी के लिए गैर-कानूनी संपत्ति रखना या धन का गैर-कानूनी लेनदेन करना अत्यधिक जोखिम भरा हो जाएगा.’
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को 2017 तक होने वाले इन बदलावों के लिए लोगों को तैयार करना है. उच्चतम न्यायालय ने विशेष जांच टीम (एसआइटी) गठित की है जो उस व्यवस्था पर पैनी नजर रख रही है जो सरकार स्थापित कर रही है और ऐसे मामलों की जांच के लिए क्षमता बढा रही है. जेटली ने कहा, ‘यह कुसूरवारों के लिए एक बहुत खतरनाक स्थिति है. जैसे-जैसे हम 2017 की ओर बढ रहे हैं. बीतने वाले हर दिन उनके लिए स्थिति और खतरनाक होती जाएगी.’
उन्होंने कहा, ‘यही वजह है कि हम एसआइटी के निर्देश पर और खुद अपनी ओर से देश के भीतर या देश से बाहर गैर कानूनी संपत्तियों, गैर कानूनी धन के लेनदेन या कालाधन लेनदेन पर शिंकजा कस रहे हैं. क्यों कि इनसे पूरा तंत्र प्रभावित होता है.’ वित्त मंत्री ने कहा कि यदि कालाधन को प्रणाली में शामिल कर दिया जाता है तो वृद्धि दर कहीं अधिक होगी, कर संग्रह अधिक होगा और कर दर घटाने की क्षमता भी अधिक होगी. ‘इसलिए व्यापक जनहित में कालाधन में लेनदेन नहीं करना अब जब जीवन जीने का तरीका बनेगा तो इससे संभवत: आप चैन की नींद ले सकेंगे और दंडात्मक परिणामों से खुद को बचा सकेंगे.’