आकाश टैबलेट : कैग ने मानव संसाधन मंत्रालय की खिंचाई की
नयी दिल्ली : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने सस्ते कीमत वाले टैबलेट ‘‘आकाश’’ परियोजना में खामियों को लेकर मानव संसाधान विकास मंत्रालय की खिंचाई करते हुए इस कार्य के लिए कार्य क्षमता का आकलन किये बिना मनमाने ढंग से आईआईटी राजस्थान के चयन पर सवाल उठाया है.संसद में आज पेश रिपोर्ट में कैग ने […]
नयी दिल्ली : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने सस्ते कीमत वाले टैबलेट ‘‘आकाश’’ परियोजना में खामियों को लेकर मानव संसाधान विकास मंत्रालय की खिंचाई करते हुए इस कार्य के लिए कार्य क्षमता का आकलन किये बिना मनमाने ढंग से आईआईटी राजस्थान के चयन पर सवाल उठाया है.संसद में आज पेश रिपोर्ट में कैग ने कहा कि आईआईटी राजस्थान ने मंत्रालय को बताया कि डाटाविंड की ओर से अगस्त और नवंबर 2011 के बीच आपूर्ति किए गए 90 प्रतिशत आकाश टैबलेट को काफी धीमा होने और गर्म हो जाने जैसी शिकायतों के कारण खारिज कर दिया गया.
कैग की रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ मंत्रालय ने आकाश टैबलेट आईआईटी राजस्थान के माध्यम से पेश करने का निर्णय किया लेकिन इसके लिए संस्थान की कार्य क्षमता का आकलन नहीं किया गया. इसके कारण परियोजना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा. बिना मूल्यांकन किये हुए आईआईटी राजस्थान के निष्पादन पर 47.42 करोड0 रुपये छोड़ दिये गए.’’
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इससे वित्तीय जवाबदेही का सवाल उठता है. इससे परियोजना को पूरा करने के कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा और इसमें 1.05 करोड़ रुपये ऐसा खर्च हुआ जिसे बचाया जा सकता था.’’ सरकार ने आकाश टैबलेट परियोजना के तहत छात्रों एवं शिक्षकों को शैक्षणिक उद्देश्य से करीब 1500 रुपये में एक टैबलेट प्रदान किये जाने की योजना बनाई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए आईआईटी राजस्थान के चयन के पक्ष में कारण बताने में नाकाम रही और इस तरह से इस संस्थान का चयन मनमाने ढंग से किया गया. कैग ने कहा कि आईआईटी राजस्थान को यह परियोजना तब सौंपी गई जब यह संस्थान अस्थायी परिसर से संचालित हो रही थी.
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