एशिया की सबसे बडी कोयला खदान राष्ट्र को समर्पित
रांची : झारखंड के चतरा जिले में स्थित सेन्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड की सात करोड टन कोयला प्रति वर्ष उत्पादन करने की क्षमता वाली एशिया की सबसे बडी कोयला खदान ‘मगध’ को आज यहां राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया जिसके साथ ही वहां कोयले का उत्पादन प्रारंभ हो गया. झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और […]
रांची : झारखंड के चतरा जिले में स्थित सेन्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड की सात करोड टन कोयला प्रति वर्ष उत्पादन करने की क्षमता वाली एशिया की सबसे बडी कोयला खदान ‘मगध’ को आज यहां राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया जिसके साथ ही वहां कोयले का उत्पादन प्रारंभ हो गया.
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और केंद्रीय कोयला, ऊर्जा एवं गैर पारंपरिक ऊर्जा राज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय कोयला निगम और उसकी आनुषंगिक कंपनी सेन्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में आज चतरा की मगध कोयला खदान को यहां रांची से आनलाइन चालू कर राष्ट्र को समर्पित किया.
गोयल ने इस अवसर पर भारतीय कोयला निगम की प्रशंसा करते हुए कहा कि उसने 2013-14 की तुलना में पिछले वर्ष बहुत जबर्दस्त काम किया और कोयले के उत्पादन में भारी वृद्धि की. उन्होंने बताया कि चतरा जिले के टंडवा में स्थित मगध कोयला खदान से प्रति वर्ष सात करोड, दस लाख टन तक कोयले का उत्पादन हो सकेगा लेकिन यह तभी प्रारंभ किया जायेगा जब टंडवा को रेलवे नेटवर्क से पूरी तरह जोड दिया जायेगा जिससे उत्पादित कोयले का उठाव हो सके.
फिलहाल इस खदान से दो करोड टन प्रति वर्ष कोयले का उत्पादन किया जायेगा. इस अवसर पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस कोयले खदान के प्रारंभ होने से देश और झारखंड को जबर्दस्त लाभ होने की बात कही. उन्होंने कहा कि अब वह दिन दूर नहीं जब झारखंड देश के सबसे विकसित राज्यों में शामिल होगा.
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