खनन परियोजनाओं के लिए वन मंजूरी की प्रक्रिया सुव्यवस्थित हो : संसदीय समिति

नयी दिल्ली : कोल इंडिया के करीब 200 प्रस्ताव पर्यावरण संबंधी मंजूरी की प्रतीक्षा में अटके होने के बीच एक संसदीय समिति ने सरकार से कहा है कि वह कोयला खनन परियोजनाओं को पर्यावरण तथा वन संबंधी मंजूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के माध्यम की व्यवहार्यता संभावनाओं का पता लगाये. कोयला एवं इस्पात पर स्थायी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 4, 2015 6:18 PM

नयी दिल्ली : कोल इंडिया के करीब 200 प्रस्ताव पर्यावरण संबंधी मंजूरी की प्रतीक्षा में अटके होने के बीच एक संसदीय समिति ने सरकार से कहा है कि वह कोयला खनन परियोजनाओं को पर्यावरण तथा वन संबंधी मंजूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के माध्यम की व्यवहार्यता संभावनाओं का पता लगाये.

कोयला एवं इस्पात पर स्थायी समिति ने एक रपट में कहा कि समिति ने इस बात पर जोर दिया कि कोयला मंत्रालय को खनन परियोजनाओं की पर्यावरण और वन संबंधी मंजूरी की अनिवार्यताओं की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए.
समिति ने कहा, समिति को इस बात को लेकर खुशी है कि मंत्रिमंडल सचिवालय ने परियोजना निगरानी समूह शुरु किया है ताकि कोयला मंत्रालय की सभी प्रमुख और महत्वपूर्ण परियोजनाओं से जुडे मुद्दों की ऑनलाइन निगरानी की जा सके. इसके लिए वेब आधारित पोर्टल पेश किया गया है ताकि सभी कोयला खनन परियोजनाओं के लंबित मुद्दों से निपटा जा सके और मंजूरी प्रक्रिया को तेज किया जा सके.
समिति ने कहा कि मार्च तक कोल इंडिया की 187 वन मंजूरी और 22 पर्यावरण निपटान प्रस्ताव लंबित थे. सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी (एससीसीएल) के पांच प्रस्तावों को वन संबंधी मंजूरी का इंतजार है और 11 प्रस्तावों को पर्यावरण मंजूरी मिलनी शेष है.
इसी तरह नेवेली लिग्नाइट कार्पोरेशन के भी तीन पर्यावरण मंजूरी प्रस्ताव लंबित थे. देश के कुल कोयला उत्पादन में कोल इंडिया का योगदान 80 प्रतिशत से अधिक है.

Next Article

Exit mobile version